उत्तर प्रदेश में डेंगू और अन्य वेक्टरजनित रोगों की रोकथाम और बचाव के लिए हर प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला टास्क फाॅर्स समिति का गठन किया गया है। जो जिला स्तर पर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए कार्यवाही कर रही है।
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डॉक्टर्स को भी किया गया प्रशिक्षित
- डेंगू और अन्य वेक्टरजनित रोगों के उपचार और दवाओं का भी निशुल्क प्रबंध कर रही है।
- इसके लिए प्रदेश के जिला अस्पतालों में 10 बेड और सामुदायिक केंद्र में 5 बेड आरक्षित हैं।
- इन बेड को मछरदानी से कवर किया गया है जिससे ये अन्य बेड से अलग हैं।
- इसके साथ ही लखनऊ में ऐसे मरीजों के लिए कुल 300 बेड आरक्षित किये गए हैं।
- जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों की ओर से निजी चिकित्सकों को जानकारी दी गयी है।
- डेंगू मरीजों की सुविधा और सहायता के लिए फीवर डेस्क स्थापित की गयी है।
- डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच के लिए प्रदेश में 37 एसएसएच लैब भी बनायीं गयी है।
- मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होने पर उन्हें 39 ब्लड कम्पोनेन्ट सेपरेशन यूनिट से प्लेटलेट्स दिलाये जा रहे हैं।
- मरीजों को उच्चीकृत केन्द्रो तक ले जाने के लिए निशुल्क 108 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
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- गांव सहित पिछड़े इलाकों में लार्वीसाइडल का छिड़काव और फॉगिंग कराई जा रही है।
- प्रदेश के स्कूलों में भी फॉगिंग कराई जा रही है।
- इसके साथ ही स्कूली बच्चों को प्रार्थना सभा के दौरान डेंगू आदि रोगों की जानकारी दी जा रही है।
- साथ ही सबच्चों को पूरी आस्तीन के कपडे पहनकर आने का निर्देश भी दिया गया है।
- पूरे प्रदेश में जल निगम और नगर निगम को साफ़ पानी और सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने का आदेश है।
- इसके साथ 85 चिकित्सा अधिकारीयों को भी वेक्टर जनित रोगों के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
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