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पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अस्सी घाट पर देश की पहली ई-बोट को लॉन्च किया गया था। पीएम ने भी खुद ई-बोट की सवारी आनंद लिया था. पीएम नरेन्द्र मोदी ने नाविकों को ये ई-बोट भेंट स्वरुप दी थी. ई-बोट देते समय उन्होंने कहा था कि इससे नाविकों के ईंधन के खर्च में कमी आएगी. लेकिन अब इस ई-वोट की हालत ये है की नाविकों को इसे सौर ऊर्जा या चार्ज करने वाली बैटरियों की जगह पतवारों के सहारे शारीरिक मशक्कत कर के चलाना पड़ रहा है. बता दें कि ज़्यादातर ई-बोट के इंजन ख़राब पड़े हैं.
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इंजन बदलने के लिए कंपनी मांग रही 1.8 लाख
- पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नाविकों को ई-बोट भेंट की थी.
- लेकिन अब इस ई-बोट के इंजन ई वेस्ट बने हुए हैं.
- बता दें कि ज़्यादातर ई बोट के इंजन पहले महीने में ही ख़राब हो गए थे.
- नाविकों ने जब इसे ठीक करने के लिए कंपनी से कहा तो कंपनी ने नाविकों से आधार कार्ड और एक लाख आठ हज़ार रूपए की मांग की.
- यही नही कंपनी नाविकों को ये रकम किश्तों पर भी देने को राज़ी थी.
- अब ऐसे में नाविक इस ई बोट को सौर्य ऊर्जा और चार्ज करने वाली बैटरियों की जगह पतवारों से चलाने पर मजबूर हैं.
- हालांकि नाविकों का कहना है कि इसमें पीएम नही बल्कि स्थानीय प्रबंधन की गलती है.
- नाविकों ने ये भी कहा कि स्थानीय प्रबंधन को इस ओर ध्यान दें चाहिए.
- गौरतलब हो कि इस ई बोट में सुरक्षा के कोई उपकरण मुहैया नही हैं जिससे कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है.
https://www.youtube.com/watch?v=LwuDz77zLEo&feature=youtu.be
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