भवन के ध्वस्तीकरण के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कार्रवाई को उचित ठहराया है. गायत्री प्रजापति (gayatri prajapati) के अवैध निर्माण पर LDA ने बुलडोजर चला दिया था. जिसको लेकर गायत्री प्रजापति कोर्ट पहुंचे थे.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कार्रवाई को उचित ठहराया है. हाई कोर्ट ने एलडीए की कार्रवाई को उचित ठहराया है. अपर महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दी दलील थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
अवैध निर्माण पर LDA ने चलाया था बुलडोजर:
- अवैध निर्माण तोड़ने के दौरान एलडीए के संयुक्त सचिव मौजूद थे.
- वहीँ एसपी सिटी और जिला प्रशासन से एसीएम,पीएसी के साथ मौके पर मौजूद रहे.
- इसके अलावा वीसी प्रभु एन सिंह खुद एलडीए की टीम के साथ पोकलैंड जैसी मशीन लेकर पहुंचे.
- अवैध निर्माण गिराने के दौरान भारी मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रही.
- बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के दौरान गायत्री के समर्थकों ने विरोध किया।
- लेकिन पुलिस प्रशासन की टीम के आगे उनकी एक ना चली.
- प्राधिकरण ने 2016 में पूर्व विहित प्राधिकारी के आदेश पर निर्माणाधीन बिल्डिंग इंजीनियर और प्रवर्तन टीम के साथ सिर्फ नोटिस चस्पा की.
- इसमें 15 दिन में खुद ही निर्माण तोड़ना था.
- यह आदेश गायत्री प्रजापति की जगह एसपी सिंह व अन्य के नाम से किया गया.
- इसके पूर्व गायत्री की हनक के आगे अधिकारियों की तरफ से ही करवाई ना करने के निर्देश दिए थे.
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