सरकार भले ही बेटियों और (captive daughter) महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कितनी ही सख्त क्यों न हो पर लचर कानून-व्यवस्था के चलते पीड़ितो को न्याय नही मिलता। ताजा मामला कानपुर जिले का है यहां न्याय की लड़ाई हार चुके एक परिवार ने अपनी बेटी को ही घर में कैद कर लिया। इस परिवार को डर है कि कहीं दबंग शोहदा इनकी बेटी के साथ कोई अप्रिय घटना ना कर दे। हालांकि इस मामले में पुलिस खामोश है।
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अश्लील क्लिप बनाकर फेसबुक पर की अपलोड
- मामला कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र का है यहां एक छात्रा जो अपनी आर्थिक स्थितियों के चलते निजी कम्पनी में कार्यरत है।
- वहीं काम करने वाला हरीश उससे छेड़खानी करता था।
- हरीश लगातार पीड़िता पर दोस्ती करने का दबाव बना रहा था।
- जब छात्र ने इसका विरोध किया तो मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर हरीश ने पीड़िता की कुछ अश्लील तस्वीरें बनाईं और एक फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उसे अपलोड कर दिया।
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- पीड़िता को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने मामले की शिकायत बर्रा थाने में दर्ज कराई।
- पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।
- आरोपी हरीश को जैसे ही इसकी जानकारी हुई तो उसने आते जाते पीड़िता को जान से मारने की धमकी देना शुरू कर दिया।
- पीड़िता ने एक बार फिर थाने का रुख किया पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ा और कुछ ही घण्टो में छोड़ दिया।
- जिसके बाद से ही पीड़िता के परिजनों ने अपनी बेटी को घर के अंदर कमरे में ताला बंद कर कैद कर लिया है।
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मां ने लगाई न्याय की गुहार
- पीड़िता (captive daughter) की मां ने बताया कि वो इस मामले में थाने से लेकर सीओ और एसपी साउथ के दफ्तर तक न्याय की गुहार लगाई।
- पर किसी ने सुनवाई नहीं की जिसके बाद अपनी बेटी की सुरक्षा को देखते हुए मां ने उसे घर के कमरे में कैद कर लिया और कहा कि जब तक मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार नहीं होता तब तक बेटी यूं ही घर मे कैद रहेगी।
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महिला अधिकारी होने के बाद भी नहीं मिल रही मदद
- बता दें कि ये हाल तब है जब जिले की कमान महिला अधिकारी के हाथ में है।
- जिले की डीआईजी सोनिया सिंह देखें कि किस तरह थाना पुलिस पीड़िता को सिर्फ चक्कर लगवा रही हैं।
- उनके जिले में एक बेटी को उसके घर वालो ने कैद कर लिया है।
- बर्रा थाने के थाना अध्यक्ष भास्कर मिश्रा वही हैं जिन्होंने चौबेपुर और बिठूर थाने की सीमा विवाद बताकर एक लाश को घंटों मौके पर पड़े रहने दिया था।
- बाद में लेखपाल आने पर शव उठवाया था जिसमें इनको लाइन हाजिर किया गया था।
- पर कुछ ही दिनों में फिर से इन्हें बर्रा थाने का प्रभार मिल गया।
- जाहिर है जब ऐसे लापरवाही थाना अध्यक्ष तैनात होंगे तो पीड़ितों को न्याय मिलना बेहद मुश्किल है।
- वहीं इस मामले में पुलिस का कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
- अब ऐसे (captive daughter) में देखने की ये बात होगी कि आखिर कब तक पीड़िता यू ही घर में कैद रहती है।
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