कारगिल युद्ध में हमारी शानदार विजय के उपलक्ष्य में ‘कारगिल विजय दिवस’ (kargil martyrs) पर लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान के युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। यहां करगिल युद्ध में शहीद जांबाज रणबाकुरों को पुष्पचक्र अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
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दिवंगत आत्मा की शांति के रखा दो मिनट का मौन
- इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक तथा मध्य कमान के स्टाफ अध्यक्ष ले0 जनरल जगदीप कुमार शर्मा ने युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर पुष्प चक्र अर्पित कर एवं सलामी देकर शहीद जांबाज सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
- इस दौरान मध्य कमान के वरिष्ठ सेवारत एवं सेवानिवृत सैन्यधिकारियों सहित लखनऊ गैरिसन के जवानों ने भी युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
- पुष्पचक्र अर्पण के पश्चात बिगुलर द्वारा शोक ध्वनि प्रस्तुत गया एवं शहीद सैनिकों के दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
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पराक्रमी सैन्य अधिकारियों को किया गया सम्मानित
- इसके उपरांत, सूर्या प्रेक्षागृह में आयोजित एक सम्मान समारोह में ले0 जनरल जगदीप कुमार शर्मा ने कारिगल युद्ध में हिस्सा लेनेवाले पराक्रमी सैन्यधिकारियों को सम्मानित किया।
- ले0 जनरल जगदीप कुमार शर्मा ने कारगिल युद्ध के शहीद सैनिकों के आश्रितों सहित वरिष्ठ भूतपूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया।
- इस अवसर पर मध्य कमान सेना पत्नी कल्याण संघ ‘आवा’ की कार्यकारी क्षेत्रीय अध्यक्षा अनीता शर्मा ने कारगिल युद्ध की वीर नारियों सहित युद्ध विधवाओं को सम्मानित किया।
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60 दिनों के बाद लहराई थी विजय पताका
- वर्ष 1999 का वह ऐतिहासिक दिन जब हमारे भारतीय सेना के जाबांज सैनिकों ने लगातार 60 दिनों की लड़ाई के बाद लद्दाख क्षेत्र से लेकर हिमालय तक अत्यन्त दुर्गम व जोखिम तथा ग्लेशियर से भरे गगनचुंबी चोटियों पर स्थित चैकियों पर सफलता पूर्वक फतेह हासिल की थी।
- कारगिल युद्ध के इस ऐतिहासिक एवं शानदार विजय के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को पूरे देश में ‘कारगिल विजय दिवस’ समारोहपूर्वक मनाया जाता है।
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- भारतीय थल सेना एवं वायु सेना द्वारा चलाये गये आॅपरेशन विजय के तहत पाकिस्तानी सेना एवं आतंकियो/घुसपैठियों को भारतीय क्षेत्र से निकाल फेंका गया था।
- अपनी उच्च सैन्य परंपराओं का निर्वहन करते हुए भारतीय सेना सदैव अपनी मातृभूमि की रक्षा में तत्पर रही है।
- इसकी मिसाल भारतीय थल सेना तथा वायु सेना ने विपरीत परिस्थितियों में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कारगिल युद्ध में विजय पताका फहराकर दिया।
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527 जाबांज सैनिक हुए थे शहीद
- इस युद्ध में 527 जाबांज सैनिक शहीद हो गये वहीं 1363 सैनिक घायल हुए।
- इस युद्ध में लखनऊ जिले के सपूतों- शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय तथा शहीद मेजर विवेक गुप्ता ने अपनी वीरतापूर्ण कारनामों से न केवल सेना को बल्कि देश को गौरवान्वित किया।
- इस युद्ध में अप्रतिम शौर्य एवं वीरता का परिचय देने के लिए शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय को राष्ट्र का सर्वोच्च वीरता पदक ‘परम वीर चक्र’ से मरणोपरांत सम्मानित किया गया।
- वहीं शहीद मेजर विवेक गुप्ता को ‘महावीर चक्र’ से मरणोपरांत अलंकृत किया गया।
- इनके अतिरिक्त (kargil martyrs) लखनऊ नगर के जिन जाबाजं रणबाकुरों ने इस युद्ध में अपनी अदम्य साहस एवं बलिदान का परिचय दिया।
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