भारतीय सेना इन दिनों में कश्मीर में अपना सफाई अभियान चला रही है, जिसके तहत गुरुवार 14 सितम्बर को भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों पर हुए हमले के मास्टरमाइंड अबु इस्माइल और उसके एक साथी को मार गिराया था। इसी क्रम में सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर घाटी में मौजूद टॉप-5 मिलिटेंट(kashmir top 5 militant) की नई लिस्ट जारी की है।

कश्मीर घाटी के टॉप-5 मिलिटेंट(kashmir top 5 militant):

जाकिर मूसा: अल-कायदा(kashmir top 5 militant):

  • यह मिलिटेंट भारतीय सेना की लिस्ट में पहले नंबर पर है।
  • हिजबुल छोड़ने के बाद जाकिर मूसा ने कश्मीर ने नया अध्याय जोड़ा था।
  • जिसके तहत जाकिर ने अलकायदा का अंसार गजवात-उल-हिन्द नाम का ग्रुप बनाया।
  • मूसा का यह ग्रुप कश्मीर में बहुत ही कम समय में तेजी से पॉपुलर हुआ है।
  • इस ग्रुप का असर कश्मीर के युवाओं के साथ ही अन्य मिलिटेंट ग्रुप के बाशिंदों पर भी पड़ रहा है।
  • जिसे ऐसे समझा जा सकता है कि, लश्कर के कश्मीर चीफ अबु दुजाना ने मूसा की कई स्तरों पर मदद की।
  • जिसमें हथियार और ग्राउंड नेटवर्क सपोर्ट शामिल हैं।
  • जाकिर मूसा को काफी खतरनाक बताया जाता है, जिसका कारण कश्मीर और भारत का उसका इस्लामीकरण का एजेंडा है।
  • बीते कुछ सालों में यह एजेंडा घाटी में बहुत ही तेजी से फैला है।

रियाज नैकू: हिजबुल-मुजाहिदीन(kashmir top 5 militant):

  • सिर्फ 29 साल की उम्र में नैकू हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ और ‘A++’ केटेगरी का मिलिटेंट बन गया था।
  • नैकू हिजबुल मुजाहिदीन के सबसे अनुभवी कमांडर में से एक है।
  • वर्तमान समय में नैकू हिजबुल कश्मीर का हेड ऑफ़ ऑपरेशन है।
  • नैकू को यासीन इत्तू जिसे सेना ने पिछले महीने मार गिराया था के बाद यह पोस्ट दी गयी थी।
  • दुर्बुग, अवंतीपोरा से ताल्लुक रखने वाले नैकू को टेक सेवी माना जाता है।
  • साथ ही नैकू की छवि घाटी के लोगों के बीच एक उदारवादी की भी मानी जाती है।
  • नैकू को पुलिस द्वारा कई हत्याओं में नामजद किया गया है, जिसमें एक पुलिसवाले की हत्या भी शामिल है।
  • अपनी उदारवादी छवि को बनाने के लिए नैकू ने हाल ही में सोशल मीडिया पर करीब 11 मिनट का वीडियो पोस्ट किया था।
  • जिसमें नैकू ने कश्मीरी पंडितों से घाटी में लौट आने की अपील की थी।
  • नैकू घाटी में हिजबुल के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर सपोर्ट पर नजर रखता है।
  • गौरतलब है कि, हिजबुल मुजाहिदीन घाटी का सबसे पुराना मिलिटेंट ग्रुप है।

सद्दाम पद्दर: हिजबुल मुजाहिदीन(kashmir top 5 militant):

  • भारतीय सेना द्वारा मारे गए बुरहान वानी ने 12 लोगों की एक ग्रुप तस्वीर शेयर की थी।
  • उन 12 लोगों में से अब सिर्फ मिलिटेंट सद्दाम पद्दर अभी तक बचा हुआ है।
  • वहीँ सद्दाम के अलावा उन 12 लोगों में से सिर्फ तारिक पंडित ही जिंदा बचा हुआ है।
  • जिसकी वजह है कि, तारिक ने सेना के सामने समर्पण कर दिया था।
  • पद्दर भी एक किसान फैमिली से आता है, साथ ही पद्दर के बारे में ज्यादा कोई जानकारी भी नहीं है।
  • हाँ ये कहा जाता है कि, हिजबुल मुजाहिदीन पद्दर के बारे में सोचता है।
  • करीब 4-5 साल पहले पद्दर स्कूल ड्राप कर मिलिटेंट में बन गया था।
  • हिजबुल से पहले पद्दर LeT के साथ मिला हुआ था।
  • जाकिर मूसा के हिजबुल मुजाहिदीन छोड़ने के बाद पद्दर को हिजबुल का चीफ बनाये जाने की बात की रही थी।
  • जिसे बाद में नैकू को दे दिया गया था।
  • भले ही पद्दर ने ज्यादा पढ़ाई न की हो लेकिन पद्दर को एक चालाक मिलिटेंट माना जाता है।
  • साथ ही पद्दर उन चंद लोगों में था जिस पर बुरहान भरोसा करता था।

जीनत-उल-इस्लाम: लश्कर-ए-तैयेबा(kashmir top 5 militant):

  • घाटी में लश्कर के सबसे पसंदीदा मिलिटेंट में जीनत का नाम आता है।
  • 28 साल का जीनत शोपियन सेक्टर के सुगन जानीपुरा का रहने वाला है।
  • लश्कर ने साल 2015 में जीनत को रिक्रूट किया था।
  • वहीँ शोपियन हमले जिसमें 3 सैनिक शहीद हो गए थे, जीनत उसका मुख्य आरोपी है।
  • इसके साथ ही जीनत को IED एक्सपर्ट भी माना जाता है।
  • लश्कर से पहले जीनत अल-बदर का मिलिटेंट था।
  • साल 2008 में जीनत को एक गिरफ्तार भी किया गया था, जहाँ उसने एक जमीनी वर्कर होने की बात कही थी।
  • 4 साल बाद जीनत को छोड़ दिया गया और लश्कर ज्वाइन करने से पहले उसने शादी भी कर ली थी।

खालिद: जैश-ए-मुहम्मद(kashmir top 5 militant):

  • जैश-ए-मुहम्मद के कमांडर जिसका कोड नेम के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं है।
  • ऐसा माना जाता है कि, खालिद की ट्रेनिंग पाकिस्तान में हुई है और वहीँ से उसे घुसपैठ के तहत कश्मीर भेजा गया है।
  • मौजूदा समय में खालिद उत्तरी कश्मीर के सोपोर में ज्यादा सक्रिय है।
  • साथ ही महीने भर पहले कश्मीर के पुलवामा जिले की पुलिस लाइन में हुए आत्मघाती हमले के पीछे खालिद का ही हाथ माना जाता है।
  • हमले में 4 CRPF और 4 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
  • पहली बार खालिद का नाम साल 2016 में सामने आया था, जब सेना ने जैश-ए-मुहम्मद के मॉड्यूल को पकड़ा था।
  • पुलिस के मुताबिक, मॉड्यूल को खालिद ने ही भेजा था, जो उसी साल अगस्त में सेना के काफिले पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार था।
  • इस हमले में सेना के 1 पुलिसवाला और दो जवान शहीद हो गए थे।

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