पिछले साल डेंगू की भयावह स्थित के बाद भी लोगों में जागरूकता कम ही दिखाई पड़ रही है। ये हालात तब हैं जब राजधानी में अकेले डेंगू के डंक ने 200 से ज्यादा जिंदगीयां निगल ली थी। आम आदमी तो एक तरफ स्वयं चिकित्सक भी डेंगू के मामले में लापरवाह नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा का अग्रणी संस्थान कहे जाने वाले केेजीएमयू के हास्टलों में डेंगू का लार्वा मिला है। ऐसे में डॉक्टर्स के गढ़ में ही यदि बीमारियां पनप रही है तो आम आदमी की क्या बात कही जाये।
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सरकारी विभाग ही सबसे ज्यादा लापरवाह
- स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी लोगों में डेंगू प्रति लापरवाही दिख रही है।
- रोजाना जहां पर चिकित्सा क्षेत्र की पढ़ाई करने वाले छात्र व चिकित्सक रहते हैं।
- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने केजीएमयू के हास्टलों में जाकर कूलर ,गमले व अन्य जगहों का निरीक्षण किया।
- जहां पर डेंगू का लार्वा बहुतायत मात्रा में मिला है।
- जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने केजीएमयू को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर डेंगू के लार्वा को समाप्त करने को कहा है।
- इसके अलावा स्वास्थ्य महकमें की टीम ने चार वार्डो के मोहल्लों के साथ ही 24 सरकारी व गैर संस्थानों का निरीक्षण किया ।
- जिसमें से 16 जगहों पर डेंगू का लार्वा मिला।
- उन संस्थानों को भी नोटिस जारी कर साफ-सफाई करने को कहा गया है।
- जिन संस्थानों में लार्वा पाया गया है,उनमें से केजीएमयू के टीजी हास्टल,न्यू बीएल.हास्टल,महामाया गल्र्स हास्टल शामिल हैं।
- इसके अलावा डीव के. हास्टल, छात्रावास ,ओल्ड बीएल.हास्टल,नेशनल पीजी.कालेज,नेशनल इंटर कालेज,लाप्लास परिसर,मदेयगंज पुलिस चौकी,रघुवर कृपा गेस्ट हाउस शामिल है।
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