केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में बीते शनिवार को आग से उठी गंध व दिल दहला देने वाला दृश्य अभी आंखों से ओझिल भी नहीं हुआ था कि महज चार दिन बाद ईएनटी विभाग में भी आग लग गई। हादसा विभाग की ओपीडी में हुआ। आग का कारण शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है। हालांकि इससे कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन इससे यह जरूर साफ हो गया कि केजीएमयू आग की घटनाओं को लेकर किस कदर बेपरवाह है। उसे रोगियों के जान की जरा भी फिक्र नहीं। जबकि बुधवार को ही मुख्यमंत्री ने अभियान चलाकर सभी सरकारी भवनों को अग्निकांड उपकरण दुरुस्त करने के आदेश दिए थे।
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फिर लगी आग, बड़ा हादसा टला
- केजीएमयू की पुरानी ओपीडी में रोज की तरह ईएनटी ओपीडी में सैकड़ों की संख्या में मरीज बैठे थे।
- इसी दौरान तेज धमाका हुआ। बोर्ड से चिंगारियां निकलने लगी।
- शार्ट सर्किट की वजह से बत्ती गुल हो गई। इस घटना के बाद खासे मरीज सहम गए।
- वहीं डॉक्टर व स्टाफ भी सकते में आ गए। हालांकि बड़ा हादसा नहीं हुआ।
- इसके बाद डॉक्टरों ने भीषण गर्मी में मरीजों को परामर्श दिया।
- करीब 40 से ज्यादा मरीजों को ऑडियोमिट्री जांच लिखी गई।
- लेकिन, बिजली के अभाव में ज्यादातर मरीजों की जांच नहीं हो सकी।
- बताया गया कि शॉर्ट सर्किट के कारण करीब ढाई घंटे बिजली गुल रही।
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ट्रामा में पटरी पर लौटा इलाज
- हादसे के बाद ट्रॉमा सेंटर की स्थिति में लगातार बेहतर हो रही है।
- इलाज की व्यवस्था पटरी पर लौट रही है। मरीजों की सं या भी तेजी से बढ़ रही है।
- न्यूरोसर्जरी वार्ड का संचालन भी शुरू हो गया है। ऑपरेशन थिएटर भी चालू हो गए हैं।
- केजीएमयू प्रवक्ता डॉण् नरसिंह वर्मा ने बताया कि 272 मरीज ट्रॉमा में आए।
- इनमें 74 मरीजों को भर्ती किया गया है। इसके साथ ही छह मरीजों के ऑपरेशन किये गए।
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