लखनऊ विकास प्राधिकरण में कार्य विभाजन में एक बार फिर गड़बड़ी हुइ है। दिलचस्प यह कि इस मामले में एक सर्वेयर को अवर अभियंता (जेई) का काम सौंप दिया गया है। बताया जा रहा है, इस बाबत एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह को धोखे में रखा गया। ऐसे में कार्य वितरण के दौरान एलडीए के अवर अभियंताओं के लिस्ट में सर्वेयर का नाम लिखा है। यही नहीं उसे गोमतीनगर जोन दो का काम भी आवंटित कर दिया गया है।
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वीसी को धोखे में रखा
- दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण में असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर राजेश श्रीवास्तव सर्वेयर पद पर तैनात हैं।
- एलडीए में भारी भरकम अवर अभियंताओं की फौज होने के बाद भी एलडीए के वरिष्ठ अभियंताओं ने वीसी को धोखे में रखकर अवर अभियंता का कार्य दिला दिया।
- राजेश श्रीवास्तव का पदनाम भी एपीई न करके अवर अभियंता कर दिया गया।
- उपाध्यक्ष के पास फाइल पहुंचने पर उपाध्यक्ष ने हस्ताक्षर करके गोमतीनगर फेज-2 का काम भी आवंटित कर दिया।
- नियम के मुताबिक सर्वेयर मेजरमेंट बुक में इंट्री नहीं कर सकता।
- किसी भी ठेकेदार के भुगतान को उच्चाधिकारियों के पास अग्रसारित नहीं कर सकता।
- सर्वेयर अकेंद्रीय सेवाओं में आता है।
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- अवर अभियंता मेजरमेंट बुक में इंट्री के साथ साथ भुगतान बिल भी अग्रसारित कर सकता है।
- और जांच के साथ किसी भी निर्माण में क्वेरी लगा सकता है।
- अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता की तरह एलडीए की केंद्रीय सेवाओं में आता है।
- इस प्रकरण पर जब एलडीए उपाध्यक्ष को फोन लगाया गया तो उनका फोन पहुंच से बाहर मिला।
- राजेश श्रीवास्तव से बातचीत में उन्होंने बताया कि मैं एपीई हूं।
- मेरा नाम अवर अभियंता के कालम में दर्ज है इसकी जानकारी नहीं है।
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