गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने बीते शनिवार रात दुखद घटना होने के बाद भी सबक नहीं लिया। अभी भी परिसर में कई कुत्ते घूमते दिखायी दिए। पड़ताल में शवगृह के चैनल में नीचे लगी हुई पत्ती का बोल्ट गायब मिला। ऐसे में कुत्ते आदि के लिए इसके अंदर प्रवेश आसान है। इन सब के बीच निदेशक कुत्तों के परिसर में टहलने को लेकर लाचारगी जता रहे हैं। उनका कहना है कि चैनल के अंदर दरवाजा है, वह खुला छूट गया था, इसी वजह से हादसा हुआ।मामले से जुड़े अस्पताल के सभी सदस्यों के बयान हो गए हैं। इसकी रिपोर्ट शासन स्तर पर भेज दी गई है।

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गहने भी हुए थे चोरी 

  • शनिवार की देर रात शवगृह में पुष्पा के रखे शव को किसी जानवर द्वारा बुरी तरह नोंचा गया।
  • परिजनों का यह भी आरोप है, पुष्पा के शरीर पर मौजूद गहने भी चोरी कर लिए गए।
  • इसमें मंगलसूत्र, बाली, पायल, नाक की कील आदि शामिल थी।
  • इसके बाद परिजनों ने रविवार को हंगामा किया।

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  • परिणाम स्वरूप, अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस रिपोर्ट दर्ज करायी गई।
  • इस संबंध में डॉक्टरों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।
    वहीं, इस हादसे के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने सबक नहीं लिया है।

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  • स्थिति यह कि परिसर में अभी भी कुत्ते घूमते दिखायी दे रहे हैं।
  •  कर्मचारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता।
  • लिहाजा यह प्राइवेट वार्ड तक में भी पहुंच जाते हैं।

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पुलिस की बताई गलती

  • ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल प्रशासन घटना के बाद भी किस कदर बेपरवाह है।
  • यही नहीं, शवगृह के बाहर लगे चैनल में लगी लोहे की पत्ती जुड़ी नहीं है, उससे नट गायब है।
  • लिहाजा, कुत्ते आदि अंदर जा सकते हैं। इसके सुधार के प्रति भी अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं।
  • अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी कहते हैं कि प्वाइजनिंग का केस होने पर जिस वक्त रोगी लाया गया उसी समय पुलिस को सूचना दी गई।
  • जब रोगी की मृत्यु हुई तब भी उन्हें सूचित किया गया। शव को शवगृह में रख दिया गया।
  • प्वाइजनिंग का केस आने पर पुलिस को सूचना मिलने पर नियमत: पुलिस को मौके पर पहुंचकर रोगी को अपनी कस्टडी में लेना चाहिए।
  • जब तक कि उसके बयान न दर्ज हो जाएं लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।
  • हालांकि आरोप हैं, अस्पताल की ओर से यह केस आने पर पुलिस को सूचना नहीं दी गई।
  • इसलिए पुलिस पुष्पा के मरने तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।
  • ऐसे में यह देखने वाला है कि किस ओर से गलती हुई।
  • अस्पताल की ओर से या फिर पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायी।
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