राजधानी के अलीगंज क्षेत्र में एसिड अटैक की वारदात फिर से उसी महिला के साथ हुई जिसके ऊपर करीब तीन महीने पहले अटैक हुआ था। कल लखनऊ में अलीगंज स्थित समज कल्याण विभाग के गर्ल्स हॉस्टल में उसी महिला के ऊपर फिर से एसिड अटैक हुआ।लेकिन तेजाब फेंकने वालों का कुछ भी पता नहीं चला है।
रायबरेली से लखनऊ आ रही गैंगरेप पीड़िता ने ट्रेन में एसिड अटैक का दो लोगों पर आरोप लगाया था। वहीँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को तुरंत संज्ञान में लिया था.
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सवालों के घेरे में एसिड अटैक पीड़िता:
- वहीँ दूसरी तरफा पीड़िता के बयान को शक की नज़र से देखा जा रहा है।
- जिस हॉस्टल में वारदात हुई उसकी दीवारे करीबन 6-7 फ़ीट लम्बी है।
- साथ ही गर्ल्स हॉस्टल के बाहर जल भराव है।
- पीड़िता का कहना है की अंधेरे में अज्ञात व्यक्ति ने एसिड से हमला किया।
- जबकि हॉस्टल का गार्ड महज़ 10 फीट की दुरी पर बैठा था।
- हॉस्टल की वार्डन ने uttarpradesh.org के साथ बातचीत में बताया कि समाज कल्याण विभाग का ये हॉस्टल है .
- महिलाओ की सुरक्षा के मद्देनज़र से कोई बाहरी व्यक्ति गेट के अंदर प्रवेश तक नहीं कर सकता हैं।
पीड़िता संदेह के घेरे में:
पहला मामला:11 दिसंबर 2008 को पहली बार महिला ने आरोप लगाया कि उसके साथ गांव के ही दबंग भोंदू सिंह, ननकऊ सिंह, त्रिभुवन सिंह समेत पांच लोगों ने गैंगरेप के बाद एसिड डाल दिया। यह मामला पुलिस की जाँच में झूठा पाया गया और 4 जुलाई 2009 में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी गई।
- दूसरा मामला: 19 फरवरी 2011 को महिला के घर में मारपीट हुई थी और इस मामले में एससीएसटी एक्ट में मामला दर्ज हुआ। इस केस में भी पुलिस ने एफआर लगा दी है.
- तीसरा मामला:25 अक्टूबर 2012 को रायबरेली में एनटीपीसी के पास महिला का अपहरण करने के बाद गैंगरेप किया गया। इस मामले की इनवेस्टिगेशन सीबीसीआईडी ने की थी। सीबीसीआईडी ने ये मामला झूठा पाया था।
- चौथा मामला: ऊंचाहार-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन में एसिड पिलाने के मामले में भी जाँच में कोई सबूत नहीं मिले थे. मोबाइल की लोकेशन भी हाईवे की पायी गई थी.
राज्य सरकार से मिली थी मदद:
- बता दें आरोप लगाने के बाद योगी ने महिला को 1 लाख रुपए दिए थे।
- वहीं जब अखिलेश सरकार में महिला पर हमला हुआ था उस वक्त उसे डेढ़ लाख रुपए मिले थे।
- महिला को रायबरेली के सोनिया नगर में आवास भी मिला है।
पति ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर लगाए आरोप:
- वही दूसरी तरफ पीड़िता के पति ने साफ़ तौर पर सरकार और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया हैं।
- पीड़िता के पति शंखलाल का कहना है की इससे पहले भी जब वारदात हुई थी ,
- आरोपी आसानी से जेल के बाहर बरी होकर आ गए थे।
- हालाँकि पुलिस अभी जाँच कर रही है सीओ अलीगंज ने बताया की अभी तक कोई भी तहरीर नहीं मिली है।
- पीड़िता की तरफ से जैसे ही हमें तहरीर मिलेगी हम मुकदमा पंजीकृत करके कार्रवाई करेंगे।
- पुलिस भी इस एसिड अटैक की पुष्टि करने से कतरा रही है.
- पीड़ित के साथ कई बार अटैक होने के बाद उसे निजी गनर भी मिला है जो गर्ल्स हास्टल के गेट पर था।
- महिला लखनऊ में एसिड अटैक पीडि़तों द्वारा संचालित एक कैफे में काम करती है।
- पुलिस का कहना है कि महिला को चेहरे के दाहिनी तरफ नुकसान पहुँचा है।
- महिला अभी बयान देने की हालत में नहीं है। लखनऊ में ट्रेन में जब महिला पर एसिड अटैक हुआ था।
- उस समय सीएम बनने के बाद खुद योगी आदित्यनाथ 24 मार्च को इस महिला से मिलने पहुंचे थे।
उस वक्त उन्होंने पीडि़ता के परिजनों को सुरक्षा देने का भरोसा दिलाया था। मगर अपराधी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को खुली चुनौती दे रहे हैं। वही दूसरी तरफ महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली बीजेपी सरकार पर आरोप पर आरोप लग रहे है। कही न कही सरकार जिस कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर अपने मैनिफेस्टो में आयी थी। उस पर अब सवाल खड़े होते नज़र आ रहें हैं।