भले ही आज सुबह तड़के राजधानी लखनऊ (lucknow encounter: fake) में पुलिस ने एनकाउंटर में एक 15 हजार रुपये के इनामी शार्पशूटर सुनील कुमार को मारकर अपनी पीठ थपथपा ली हो। लेकिन इस मुठभेड़ पर शहर के गलियारों में सवाल उठने लगे हैं। सवाल केवल इसी मुठभेड़ में नहीं बल्कि इससे पहले भी कई मुठभेड़ों में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ चुके हैं।

मुठभेड़ के दौरान 15 हजार का इनामी सुनील शर्मा ढेर

क्या है पूरा घटनाक्रम

  • सबसे पहले हम आप को आज की घटना से रूबरू करवाते हैं।
  • एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि दुर्दांत इनामी अपराधी सुनील शर्मा जो 08 अगस्त 2017 को पुलिस कस्टडी से कोर्ट में पेशी के दौरान भाग गया था।
  • लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार सुबह गोमतीनगर विस्‍तार में हुई मुठभेड़ में मार गिराया।
  • इस कुख्यात अपराधी का व्यापारियों से वसूली का बड़ा आतंक था।
  • इसके डर से कोर्ट में इसके विरुद्ध मुकदमों में गवाह गवाही के लिए नहीं आ पाते थे।
  • ये अपराधी सलीम रुस्तम, सोहराब गैंग का यह शार्प शूटर था और पार्षद की हत्‍या समेत 302 के कई मामलों में जेल से फरार था।
  • जिसके द्वारा हत्या जैसा अपराध करना मामूली बात थी।
  • इस अपराधी पर पंद्रह हजार रुपये का इनाम घोषित था।
  • सुनील ने कृष्णानगर के कारोबारी अजय रस्तोगी से 20 लाख की रंगदारी मांगी थी।
  • एसएसपी ने बताया कि मुखबिर के जरिये आज सुबह पुलिस को इस अपराधी के गोमतीनगर में होने की सूचना मिली थी।
  • जिसके बाद इंस्‍पेक्‍टर डीके शाही, आनंद शाही और गिरिजा शंकर त्रिपाठी की टीम ने घेरेबंदी कर कार्रवाई शुरू की। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में सुनील के सीने में गोली लगी।
  • इससे वह घायल होकर जमीन पर गिर गया।
  • पुलिस ने अपराधी को अस्‍पताल में भर्ती कराया यहां उसकी मौत हो गई।
  • पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान शहीद पथ पर नाकाबंदी कर दी थी।
  • इस दौरान पुलिस के तमाम अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
  • हालांकि आलाधिकारी इस मुठभेड़ के बाद पुलिस टीम की पीट थप थापा रहे हैं।

वीडियो: वसूली करने वाला शार्प शूटर मुठभेड़ में ढेर

मुठभेड़ पर उठ रहे सवाल

  • स्थानीय लोगों और शहरवासियों ने लखनऊ पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
  • इस मुठभेड़ में एसएसपी से लेकर किसी भी पुलिसकर्मी ने बुलेटप्रूफ सुरक्षा जैकेट क्यों नहीं पहन रखी थी?
  • पुलिस ने दावा किया कि सूचना के आधार पर शूटर का पीछा किया गया, लेकिन कई किलोमीटर तक पीछा करने के दौरान किसी राहगीर ने पुलिस को बदमाश को दौड़ाते नहीं देखा।
  • पुलिस का दावा है कि बदमाश गोमती बैराज के रास्ते में मुड़ गया।
  • यहां उसकी बाइक कुछ ही दूर जाते ही फिसल गयी और वो घबराता हुए अपनी पिस्टल से पुलिस के ऊपर फायरिंग करने लगा।
  • लेकिन लोगों का कहना है कि बाइक पहले से ही शहीद पथ पर पड़ी थी, यहां कोई फिसलन नहीं थी।
  • वहीं आसपास के लोगों ने बदमाश द्वारा फायरिंग की बात से इंकार किया है।
  • मौके पर स्थानीय लोग ये भी कहते सुने गए कि बदमाश को पुलिस पकड़ कर लाई और उसे मार दिया।
  • आप को ये भी बता दें कि गुरुवार को एसएसपी दीपक कुमार ने दो खुलासे के लिए प्रेसवार्ता बुलाई थी।
  • इस दौरान पत्रकारों ने कहा था कि कोई बड़ा गुडवर्क कीजिये तो एसएसपी ने जवाब दिया कि 24 घंटे के भीतर बड़ा गुडवर्क करेंगे।
  • इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस एनकाउंटर का इरादा पहले से ही बना चुकी थी।
  • सूत्रों के मुताबिक ये अपराधी दो दिन पहले से ही पुलिस कस्टडी में है लेकिन पुलिस ने एक मनगढंत स्क्रिप्ट तैयार की और सुबह एनकाउंटर कर दिया।

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इससे पहले भी घेरे में आ चुकी पुलिस

  • केस नंबर एक- 19 मई 2017 को गुडंबा इलाके में एक घर में बदमाश छिपे होने की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी करके मुठभेड़ की।
  • इस मुठभेड़ में पांच बदमाश गिरफ्तार हुए और सुरक्षा गार्ड को गोली लगना दिखाया गया।
  • जबकि गार्ड ने बयान दिया था कि पुलिसवालों ने उसे गेट पर गोली मारी।
  • जबकि किसी ने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी थी।

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  • केस नंबर दो- 24 अगस्त 2017 को सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ में पुलिस ने पारा में हुई डकैती के दौरान मासूम से दरिंदगी करने वाले फरार चल रहे 15 हजार का इनामी बदमाश को पकड़ने के लिए मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर मुठभेड़ की।
  • पुलिस के मुताबिक, बाइक से जा रहे बदमाश ने खुद को घिरा देख पुलिस की टीम पर फायरिंग कर दी।
  • इस जवाबी कार्रवाई में पुलिस के दो दरोगा ( उदय प्रताप सिंह, अरुण कुमार सिंह) गोली लगने से घायल हो गए थे।
  • इस मुठभेड़ में केवल इन्हीं दोनों ने बुलेटफ्रुफ जैकेट पहन रखा था।
  • वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो बदमाश को गोली पुलिस की पूछताछ में लगी थी।
  • खुद को फंसता देख पुलिस ने मुठभेड़ दिखा दी।
  • बता दें कि मुठभेड़ में सवाल उठने का ये कोई पहला मामला नहीं है।
  • इससे पहले भी दागदार खाकी पर कई सवाल उठ चुके हैं।

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ये रही मजे की बात

  • इस पूरे घटनाक्रम में मजे की बात ये रही कि सरोजनीनगर में हुई मुठभेड़ में आसपास के थानों को कोई सूचना नहीं दी गई और बदमाश से मुठभेड़ हो गई।
  • इस मुठभेड़ के दौरान एसएसपी ऑफिस के मीडिया पीआरओ शामिल रहे, जबकि गोली की आवाज आसपास के लोगों ने नहीं सुनी थी।
  • आज हुए एनकाउंटर में आसपास के थानों की पुलिस नहीं पहुंची, जबकि सरोजनीनगर और बंथरा थाने तक की पुलिस आ गई।
  • जब तक पड़ोसी थानों की पुलिस पहुंची तब तक बदमाश ढेर हो चुका था।
  • मजे की बात ये भी रही पहले की मुठभेड़ में दो दरोगाओं को गोली लग भी गई थी लेकिन इस एनकाउंटर में किसी (lucknow encounter: fake) पुलिसकर्मी को खरोंच भी नहीं आई।

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https://youtu.be/Jep4yglTRIo

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