हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार 25 जुलाई को राष्ट्रीय पात्रता व् प्रवेश परीक्षा ‘NEET’ मामले में राज्य सरकार द्वारा दिए गए आदेश को रद्द कर दिया. राज्य सरकार ने ये आदेश 10 जुलाई 2017 को पास किया था. जिसके तहत राज्य सरकार ने आयुर्वेद ,यूनानी और होम्योपैथी डॉक्टरों के लिए नीट परीक्षा को अनिवार्य कर दिया था.
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आयुर्वेद , यूनानी और होम्योपैथी डॉक्टरों को नीट परीक्षा से छूट-
- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज आयुर्वेद ,यूनानी और होम्योपैथी डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है.
- दरअसल राज्य सरकार ने आयुर्वेद ,यूनानी और होम्योपैथी डॉक्टरों के लिए नीट परीक्षा को अनिवार्य कर दिया था.
- राज्य सरकार के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
- बात दें कि ये सरकार के आदेश के खिलाफ ये याचिका 14 जुलाई को दाखिल की गई थी.
- जिसके सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला दिया है.
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- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है.
- साथ ही आयुर्वेद ,यूनानी और होम्योपैथी डॉक्टरों को बगैर ‘नीट’ परीक्षा के दाखिला देने का आदेश दिया है.
- जिसके बाद अब आयुर्वेद ,यूनानी और होम्योपैथी डॉक्टरों बिना ‘नीट’ परीक्षा के दाखिला प्राप्त कर सकेंगे.
- इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को 30 सितंबर से पहले इंट्रेंस एक्जाम करा के एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिए हैं.
- बता दें किअधिवक्ता रजत राजन सिंह की याचिका पर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....