मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को (fire department noc) ट्रॉमा सेंटर की घटना की रिपोर्ट भेजने के साथ ही डीजी फायर सर्विस ने सरकारी एजेंसियों के मानमाने निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। डीजी के मुताबिक बिना फायर की एनओसी लिए बिना यूपीआरएनएन, पीडब्लूडी, सीऐंडडीएस सहित सभी एजेंसियां निर्माण करवा रही हैं।
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- डीजी यूपी फायर सर्विस प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2000 में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण हुआ लेकिन फायर सर्विस की एनओसी नहीं ली गई।
- तीन बार में हुए निर्माण के दौरान फायर सेफ्टी का सुझाव तक नहीं मांगा गया।
- जवाहर भवन, शक्ति भवन, इंदिरा भवन, पीजीआई सहित कई इमारतें राजकीय निर्माण निगम ने मनमाने तरीके से बनाकर खड़ी कर दी।
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आर्किटेक का लाइसेंस रद करने की सिफारिश
- डीजी फायर सर्विस ने सीएम को भेजे पत्र में कहा है कि अस्पताल, स्कूल जैसे संवेदनशील भवनों के निर्माण में हो रही लापरवाही हादसों की वजह बन रही है।
- भवनों में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए बिना निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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- भवन का नक्शा बनाने और उसे अप्रूव करने वाले आर्किटेक का लाइसेंस रद करने की कार्रवाई भी होनी चाहिए।
- एअर हैंडलिंग यूनिट की पॉवर सप्लाई नहीं बंद हुई
- ट्रॉमा सेंटर में लगी आग की जांच कर रहे डायरेक्टर फायर सर्विस ने बताया कि हर फ्लोर की फॉल्स सीलिंग बिना पार्टिशन के लगा दी गई है।
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- डिजास्टर वार्ड के जिस स्टोर में आग लगी उससे करीब पांच मीटर दूर ही एअर हैंडलिंग यूनिट थी।
- बंद वॉर्ड में आग लगने पर फॉल्स सीलिंग के रास्ते धुआं पूरे फ्लोर में फैल गया।
- इस दौरान एअर हैंडलिंग यूनिट की पॉवर सप्लाई बंद नहीं हुई।
- इसकी वजह से डक्ट के रास्ते धुआं तीसरी, चौथी और पांचवीं मंजिल तक पहुंच गया।
- डिजास्टर वॉर्ड के बाहर लॉबी से सीढ़ी, लिफ्ट और रैंप के बीच कोई दरवाजा नहीं लगाया गया था।
- इसकी वजह से सीढ़ियों और रैंप पर भी धुआं भर गया।
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इमरजेंसी एग्जिट गेट पर कबाड़ डालकर किया बंद
- डीजी फायर सर्विस ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के पिछले हिस्से में सेटबैक छह मीटर से कम हैं।
- यहां बने साइकल स्टैंड को तोड़कर सेटबैक बढ़ाना होगा जिससे भविष्य में कभी हादसा होने पर दमकल के लिए रास्ता मिल सके।
- बिल्डिंग में केवल दो जगह सीढ़ियां बनी हैं।
- इमरजेंसी (fire department noc) एग्जिट को कबाड़ रखकर बंद कर दिया गया है।
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