राजधानी पुलिस को इस बात की पूरी (bangladeshi assam people) जानकारी है कि उसे वसूली कहां से और कितनी लेनी है। लेकिन उनके क्षेत्र में कितने बांग्लादेशी फर्जी कागजातों के आधार पर रह रहे हैं उन्हें मालूम नहीं। पीजीआई और गोमतीनगर में 24 घंटे के अंदर पड़ी डकैती के बाद जब थानावार इस बात की जानकारी की गई कि किसके क्षेत्र में कितने बांग्लादेशी रहते हैं तो सभी बगले झांकने लगे।

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  • हालांकि आनन-फानन में पुलिस ने बांग्लादेशियों के सत्यापन की फाइल को कूडेदान से निकाल कर धूल साफ कर ली और कागजी घोड़े बनाकर दौड़ाना भी शुरू कर दिया।
  • मगर हकीकत यह है कि अभी तक किसी का भी सत्यापन नहीं किया जा सका है।

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आये दिन बढ़ रहे बांग्लादेशी

  • राजधानी में झुग्गी झोपड़ी डालकर रहने वाले बांग्लादेशियों की संख्या में आए दिन इजाफा हो रहा है।
  • शहर में लगातार अपराधों का ग्राफ भी बढऩे लगा है।
  • शहर में कई ऐसी संगीन वारदातें हुई जिनके खुलासे के बाद यही बात सामने आयी थी कि वारदात में इन्हीं बंगलादेशियों का हाथ है।

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  • दरअसल ये दिनभर भीख मांग कर घरों की रेकी करते हैं।
  • मजदूरी के नाम पर लोगों के घर में प्रवेश करते हैं।
  • फिर मौका पाते ही वारदात कर डालते हैं।
  • इतना होने के बाद भी राजधानी पुलिस के पास इस बात का रिकार्ड नहीं है कि कितने बंगलादेशी यहां रहते हैं।
  • वह मूलरूप से कहा के रहने वाले हैं या उनका असल में नाम क्या है।
  • हालांकि इसके लिए बीते कई सालों से मांग भी उठती रही है कि यहां रहने वाले बांगलादेशियों का सत्यापन कराया जाए।
  • लेकिन चौकी इंचार्ज व थानाध्यक्ष की लापरवाही में हर बार सत्यापन की फाइल ठंडे बस्ते में चली जाती है।

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घटना के बाद गायब हो जाते है बंगलादेशी

  • नव विकसित कालोनियों व रेलवे लाइन किनारे डेरा डालने वाले बंगलादेशी जब भी काई बड़ी वारदात होती है उसके बाद से वो गायब हो जाते हैं।
  • पूछने पर पता चलता है कि कोई गांव गया है तो कहीं।
  • खास बात यह है कि ये लोग फोन भी इस्तेमाल नहीं करते जिसके जरिए उन तक पहुंचना मुश्किल होता है।

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गोमतीनगर और पीजीआई में भी रेलवे लाइन किनारे से आए थे डकैत

  • पीजीआई के साउथ सिटी में एचएएल कर्मी के घर और गोमतीनगर के विवेक खंड में रिटायर्ड इंजीनियर के घर डाका डालने आए डकैतों ने रेलवे लाइन का ही सहारा लिया था।
  • दोनों ही वारदातों में एक ही तरह का तरीका इस्तेमाल किया गया था।
  • डकैतों ने ऐसे घरों को चिन्हित किया था जो लाइन किनारे हो और घर का पिछला हिस्से में खिड़की लगी हो।

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दर्जनभर से अधिक हिरासत में, नहीं मिला सुराग

  • पुलिस की जांच टीमों ने अब तक डकैती के मामले में दर्जनभर से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। लेकिन कोई खास सबूत हाथ नहीं लग सका है।
  • पुलिस का कहना है कि लगातार छापेमारी की जा रही है।
  • कई संदिग्ध राडार पर भी हैं।
  • उम्मीद (bangladeshi assam people) जताई जा रही है कि जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

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