एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर और उनके पति (Rape allegations) आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर पर गाजियाबाद की एक महिला द्वारा फर्जी रेप का आरोप एक लाख रुपये और परिवार में दो सरकारी नौकरी के लालच पर लगाया गया था।
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- इसमें उस महिला को एक लाख रुपये वास्तव में मिल गए, जबकि दो नौकरी का वादा कभी पूरा नहीं हुआ।
- राज्य महिला आयोग की एक तत्कालीन सदस्या ने उस महिला से संपर्क कर इस काम को अंजाम दिया था।
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मुकदमे की तफ्तीश में सामने आये तथ्य
- ये तथ्य नूतन द्वारा पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति तथा अन्य के खिलाफ थाना गोमतीनगर में दर्ज मुकदमे की तफ्तीश में सामने आये हैं।
- विवेचना वर्तमान में क्राइम ब्रांच, लखनऊ द्वारा की जा रही है और मामले के विवेचक दीपन यादव हैं।
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- नूतन ने उन्हें और उनके पति को महिला आयोग के सदस्यों की सहायता से फर्जी फंसाने के प्रयास का आरोप लगाया था।
- जिसपर पुलिस ने 13 जुलाई 2015 को अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी।
- जिसे सीजेएम ने अपने आदेश 22 दिसंबर 2015 द्वारा ख़ारिज करते हुए पुनार्विवेचना के आदेश दिए थे।
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- मामले में प्रजापति के विरुद्ध पहले ही आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है।
- जिसपर सीजेएम कोर्ट ने धारा 211 व 120बी आईपीसी में संज्ञान ले लिया है।
- नूतन ने कहा कि (Rape allegations) यह वास्तव में कष्टप्रद है कि छोटे से लालच में एक महिला ने दूसरों पर इतना गंभीर आरोप लगा दिया।
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