जबाव जल्दी ही देंगे, बस वहां पहुंचने की देरी है। हर सैनिक का बदला लेंगे उन नक्सली से। यह बात 24 अप्रैल को फेसबुक पर किसी ने सुकमा हमले की बात की थी उसके जबाव में सुलभ उपाध्याय ने लिखी थी।
- यूपी के भदोही जिले के रहने वाले शहीद सुलभ उपाध्याय छत्तीसगढ़ पुलिस में एसटीएफ में तैनात थे।
- उन्होंने छुट्टी से वापस ड्यूटी ज्वाइन की।
- रविवार रात छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में वह शहीद हो गए।
- शहीद सुलभ उपाध्याय का पार्थिव शरीर भदोही में उनके पैतृक गांव बैराखास पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया।
- वह अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे।
बचपन से ही देश सेवा की बात करतेे थेे सुलभ
- उम्र मात्र 25 वर्ष और जज्बा किसी से कम नहीं।
- चार भाई बहनों में सबसे छोटे सुलभ उपाध्याय बचपन से ही देश सेवा की बात करतेे थेे।
- उनपर हमेशा देशसेवा का जुनून सवार रहता था।
- उन्होंने ग्रेजुएशन तक शिक्षा की।
- उसके बाद देश सेवा के लिए सेना में जाने की तैयारी करने लगे।
- उन्हें नौ सितंबर 2013 को छत्तीसगढ़ पुलिस में नौकरी मिली।
- स्पेशल टास्क फोर्स में सिपाही के तौर पर कार्य शुरू कर दिया।
- अभी 4 मई को घर से छुटृटी के बाद नौकरी पर गए थे।
- घर के लोगों से बहुत से वादे भी किए थे।
- सभी परिजन जब इस दुर्घटना को सुने तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।
- किसी को एक बार भरोसा तक नहीं हुआ।
- लोग कहने लगे कि अभी तो सुलभ गया है?
- ऐसे कैसे हो सकता है?
- पिता अशोक उपाध्याय ने बताया कि सुलभ हमेशा देश की बात करते थे।
- सुकमा घटना के बाद से नक्सलियों से बदले की बात करते थे।
घर का अकेला कमाने वाला चला गया
- घर में मां बाप के अलावा सुलभ के बड़े भाई नीलेश उपाध्याय रहते हैं।
- दो बहनें थी जिनका विवाह हो चुका है।
- सुलभ की शादी नहीं हुई थी।
- शादी की बात पर हंस कर बात टाल जाते थे।
- उनका बस एक ही सपना था कि पैसा कमाकर घर की स्थिति को बेहतर करना।
- सुलभ के पिता अशोक उपाध्याय खेती करते है।
- घर की एक ही उम्मीद थी जो बुझ गई।
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