[nextpage title=”MLC Result” ]
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों पर संपन्न हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं, इसी के साथ 13 विधायकों का कार्यकाल समाप्त होने से खाली हुई विधान परिषद सभी सीटों पर सदस्यों का चुनाव हो चुका है। एमएलसी सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है और प्रत्येक दो साल पर इस उच्च सदन के एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं। राज्य के विधान सभा (निम्न सदन) के के विपरीत, विधान परिषद (उच्च सदन) एक स्थायी निकाय है जिसे भंग नहीं किया जा सकता है। विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों का चयन राज्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
आज हुए मतदान में राज्य की विधानसभा के 404 विधायकों में से 402 ने वोट दिये। वोटिंग की प्रक्रिया सुबह 9 बजे से शुरू हुई जो शाम 4 बजे तक चली। विधान परिषद में जाने के प्रत्येक उम्मीदवार को 29 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी। तय सीटों से एक उम्मीदवार ज्यादा होने के चलते क्रॉस वोटिंग की आशंका को ध्यान रखते हुए सभी पार्टियों ने अपने विधायकों के साथ कई दौर की बैठकें की, लेकिन आज सुबह शुरू हई वोटिंग और उसके बाद आयी क्रास वोटिंग की खबरों से साफ है कि पार्टी आलाकमान की तरफ से की गई यह किलेबंदी अधिक काम न आयी।
इन 13 एमएलसी का कार्यकाल हो रहा खत्मः
सपा: बलराम यादव, यशवंत सिंह, बुक्कल नवाब, रामसुंदर।
बीएसपी: मो. अतहर खान, ऋषिपाल, रामकुमार, लालचंद निषाद, वीरेन्द्र कुमार, सतीश चंद्रा, सुबोध कुमार।
बीजेपी: हृदय नारायण दीक्षित।
कांग्रेस: नसीब पठान।
अगले पेज पर देखें कौन हुआ विजयीः
[/nextpage]
[nextpage title=”MLC Result 2″ ]
समाजवादी पार्टी (सपा)- बलराम यादव
समाजवादी पार्टी (सपा)- बुक्कल नवाब
समाजवादी पार्टी (सपा)- जगजीवन प्रसाद
समाजवादी पार्टी (सपा)- रामसुंदर दास
समाजवादी पार्टी (सपा)- सत्यरुद्र प्रकाश
समाजवादी पार्टी (सपा)- यशवंत सिंह
समाजवादी पार्टी (सपा)- रणविजय सिंह
समाजवादी पार्टी (सपा)- कमलेश पाठक
बहुजन समाज पार्टी (बसपा)- दिनेश चंद्र
बहुजन समाज पार्टी (बसपा)- अतर सिंह राव
बहुजन समाज पार्टी (बसपा)- सुरेश कश्यप
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- भूपेंद्र सिंह चौधरी
इंडियन नेशनल कांग्रेस (कांग्रेस)- दीपक सिंह
भारतीय जनता पार्टी के दूसरे प्रत्याशी दयाशंकर सिंह चुनाव जीतने में असफल रहें, और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दयाशंकर की यह हार भाजपा रणनीतिकारों की बड़ी हार मानी जा रहीं है। भाजपा के कई विधायकों के साथ आने के दावों की पोल खुल गई, और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं, बसपा का प्रदर्शन उम्मीद से अच्छा रहा। बसपा दूसरे दलों के कई विधायकों को अपने साथ लाने में सफल रहीं। बसपा के तीनों प्रत्याशी पहले चरण की काउंटिंग में ही विजयी हो गए।
विधायकों की दल बदल की खबरों के बीच सपा अपने सभी आठ उम्मीदवारों को जीताने में सफल रही। काग्रेस ने भी अपने एकमात्र उम्मीदवार को जीत हासिल कराने में सफलता प्राप्त की।
[/nextpage]