उत्तर प्रदेश में डेंगू का कहर आतंक बन चुका है, वहीँ स्वास्थ्य विभाग ने दिवाली तक डेंगू से प्रभावित लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी की बात कही है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, पहले से पता थी डेंगू की स्थिति:
- उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को पहले से पता था कि, डेंगू इस साल काफी तेजी से पूरे प्रदेश में अपने पाँव पसारेगा।
- उसके बाद बावजूद महकमा और अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में पूरी तरह से चूक गए।
हर तीन साल में बढ़ जाती है ‘डेंगू की समस्या’:
- उत्तर प्रदेश में डेंगू से प्रभावित लोगों की संख्या करीब 4,000 के आस-पास पहुँच गयी है।
- वहीँ इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा अकेले राजधानी में 140 है।
- प्रदेश में हर तीन साल पर यह बीमारी भयवाह रूप ले लेती है।
- स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, डेंगू (एडीज एजिप्टाई) हर तीन साल में दो साल की तुलना में बढ़ जाता है।
- वहीँ अधिकारियों को पता था कि, 2013, 2014, 2015 के मुकाबले 2016 में डेंगू का प्रभाव कई गुना बढ़ जायेगा।
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सरकारी आंकड़ों में भी बढ़े 6 गुना डेंगू के मरीज:
- यूपी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश भर में एलाइजा टेस्ट से 4 हजार 296 लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं।
- सितम्बर 2015 में यह आंकड़ा 731 दर्ज किया गया था।
- आंकड़ों की मानें तो, इस साल प्रदेश में डेंगू 6 गुना ज्यादा फ़ैल चुका है।
- गाइडलाइन के तहत, एलाइजा टेस्ट के बाद से ही मरीज को पुख्ता तौर पर डेंगू का मरीज माना जाता है।
- एलाइजा को कार्ड टेस्ट के माध्यम से किया जाता है, जो प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है।
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