स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत होने के बाद स्वच्छता को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कही गई थी. पीएम से लेकर यूपी के सीएम तक ने झाड़ू उठाया और साफ़-सफाई के इस अभियान को आगे बढ़ाने की अपील की थी. वहीँ अगर बात यूपी की करें तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में सफाई अभियान के तहत झाड़ू चलाया और सूबे के कई इलाकों में मंत्रियों व अधिकारियों ने भी झाड़ू चलाया था. वहीँ ये दावा किया गया था कि यूपी को खुले में शौच मुक्त राज्य भी बनाया जायेगा. लेकिन वर्तमान आंकड़ें इनको खोखला साबित करते दिखाई दे रहे हैं.
पीएम मोदी की स्कीम पर अफसर लगा रहे चूना:
लेकिन ओडीएफ के कारण इस अभियान में यूपी फिसड्डी साबित हुआ है. खुले में शौच मुक्त राज्य बनाने की कवायद में यूपी फेल साबित हुआ है.
- स्वच्छता अभियान में यूपी का प्रदर्शन शर्मनाक रहा है.
- खुले में शौंच अभियान में यूपी की हालत सबसे बदतर है.
- ओडीएफ का लक्ष्य का सिर्फ 9 फीसदी रहा है.
- जबकि सूबे की राजधानी लखनऊ में सिर्फ एक फीसदी ओडीएफ हुआ है.
- खुले में शौंच से मुक्त में यूपी सबसे फिसड्डी साबित हुआ है.
- यही हालात रहे तो यूपी कभी ओडीएफ नहीं होगा.
- भ्रष्टाचार ,कमीशनखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है.
- पीएम मोदी की सबसे बड़ी स्कीम फेल हो रही है.
- प्रमुख सचिव पंचायतीराज चंचल तिवारी की लापरवाही भी उजागर हुई है.
- नई हुकूमत में पीएम की योजना फिसड्डी साबित हो रही है.
- वहीँ अगर प्रमुख सचिव पंचायतीराज की बात पिछली हुकूमत से लगातार इसी पद पर हैं.
- यूपी में ओडीएफ तो फेल हो गया लेकिन लगता है प्रमुख सचिव पास हो गए हैं.
- यूपी का कोई भी डीएम ओडीएफ में दिलचस्पी नहीं लेता दिखाई नहीं दे रहा है.
लापरवाह अफसरों पर कब कसेंगे पेंच:
- ऐसे में सवाल है कि क्या चंचल तिवारी के रहते यूपी कभी ओडीएफ होगा ?
- वहीँ सीएम के दावे पर भी अफसरों ने ग्रहण लगा दिया है.
- दिसम्बर 2018 तक यूपी को ओडीएफ करने का सीएम योगी का दावा है.
- 4 माह में यूपी सबसे फिसड्डी निकला है.
- देखना दिलचस्प होगा कि सीएम योगी अब इन लापरवाह अफसरों का पेंच कसने के लिए क्या कदम उठाते हैं?
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