यूपी के नागरिक सुरक्षा विभाग में तैनात एक दलित महिला अधिकारी द्वारा बीते 31 जुलाई को लखनऊ के सीजेएम न्यायालय में (statement Dalit victims) यूपी कैडर के IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर, अमिताभ की पत्नी नूतन ठाकुर, नागरिक सुरक्षा की अनिता प्रताप और सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 119, 120A, 120B, 167, 177, 182, 192, 196, 204, 420, 504, 506, 354A, 354C, 354D, 509, 494 आदि में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
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- इस शिकायत में अभियुक्तों के खिलाफ शारीरिक शोषण करने की नीयत से पद का दुरुपयोग कर उत्पीड़न करने, द्विअर्थी भाषा में बात करने, धमकी देने, अश्लीलता करने, महिलाओं का शारीरिक उत्पीड़न करने के लिए संगठित गिरोह चलाने, साजिश करने, फ्रॉड करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।
- लखनऊ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने इस मामले को प्रकीर्ण वाद के रूप में पंजीकृत कर मामले में पीड़िता के बयान अदालत के सामने दर्ज कराने के लिए 10 अगस्त की तारीख नियत की थी।
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पीड़िता को मिल रहीं धमकियां
- 10 अगस्त को पीड़िता (statement Dalit victims) अपने बयान दर्ज कराने न्यायालय गई थी।
- परंतु अधिवक्ता संघ के चुनाव के कारण पीड़िता का बयान नहीं हो पाया था।
- अदालत ने पीड़िता को आदेश दिया था कि वह 16 अगस्त को न्यायालय में उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराए।
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- इस बीच पीड़िता ने बीते 4 अगस्त को सूबे के पुलिस महानिदेशक समेत अनेकों अधिकारियों को पत्र लिखकर अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर दंपत्ति पर आरोप लगाया है कि ये लोग एक षड्यंत्र के तहत पीड़िता के खिलाफ झूंठी शिकायतें करके, झूंठे मुकद्दमे दर्ज कराकर और पीड़िता के शुभचिंतकों को फ़ोन द्वारा धमकी दिलाकर पीड़िता को भयाक्रांत कर रहे हैं।
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- ताकि पीड़िता अदालत में प्रभावी पैरवी न कर सके और ठाकुर दंपत्ति अपने अपराधों को छुपाने के मंसूबों में कामयाब हो जाएं।
- महिला ने अमिताभ और नूतन से जानमाल का खतरा बताते हुए डीजीपी से न्यायोचित कार्यवाही करने की गुहार लगाई है।
- पीड़ित ने ऐसा ही पत्र यूपी के मुख्य सचिव, नागरिक सुरक्षा के प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव गृह, नागरिक सुरक्षा के पुलिस महानिदेशक और वाराणसी के जिलाधिकारी को भी प्रेषित किया।
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सिर्फ़ दिसम्बर 2014 तक ही हो पाया बयान
- बीते 16 अगस्त को पीडिता ने अदालत में CJM महोदया के समक्ष अभियुक्तों के खिलाफ अपना बयान तिथिवार दर्ज कराना शुरू किया है।
- दो-ढाई पेज के बयान के बाद भी अभियुक्ता का बयान सिर्फ़ दिसम्बर 2014 तक ही हो पाया है।
- अभी वर्ष 2015, 16,17 का पूरा घटनाक्रम बाकी है।
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- अदालत ने पीड़िता के विस्तृत बयान दर्ज किए जिनमें पीड़िता ने तफसील से बताया है कि किस प्रकार अभियुक्तों द्वारा साजिश के तहत उसके साथ ज्यादतियां कीं गईं और शारीरिक शोषण का प्रयास किया गया।
- लगभग दो-ढाई पेज का आंशिक बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने अवशेष बयान दर्ज कराने के लिए पीड़िता को (statement Dalit victims) आने वाली 26 अगस्त को न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
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