यूपी की विधानसभा में पिछली 12 जुलाई को नेता प्रतिपक्ष की सीट पर मिले 150 ग्राम पीईटीएन (PETN) विस्फोटक के मामले में शुक्रवार सुबह एनआईए की 12 सदस्यीय टीम (NIA team) विधानसभा जांच करने पहुंची।
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- एनआईए की टीम ने सदन के अंदर उस जगह का निरीक्षण किया जहां खतरनाक विस्फोटक पदार्थ मिला था।
- एनआईए की टीम ने सचिवालय सुरक्षाकर्मियों और मार्शल्स से भी पूछताछ की।
- काफी देर तक चली पूछताछ के बाद एनआईए की टीम ने सबूत इकट्ठे किये।
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#लखनऊ NIA की टीम विधान भवन पहुंची, विस्फोटक मामले में सुराग तलाशने पहुंची है NIA pic.twitter.com/lMF4EHIWzk
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) July 28, 2017
क्या है पूरा मामला
- यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा बजट सत्र 1017 के सदन के दौरान नेता विपक्ष की कुर्सी के निकट 12 जुलाई को एक तीब्र गति का बेहद शक्तिशाली विस्फोटक मिलने से हड़कंप मच गया था।
- विस्फोटक मिलने से विधानसभा सुरक्षा बलों के हाथपांव फूल गए।
- सुरक्षा अधिकारियों ने फौरन डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम बुलाई।
- फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम ने Pentaerythritol tetranitrate पीईटीएन (PETN) (पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट) होने की पुष्टि की।
- एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, ये विस्फोटक आतंकवादियों के पास मिलता है और इसे रिमोट के जरिये भी ऑपरेट किया जा सकता है।
- हालांकि ये विस्फोटक विधान सभा के अंदर कैसे पहुंचा यह बहुत बड़ा सवाल है।
- विपक्षियों ने इसमें किसी नेता या उसके समर्थक का हाथ होने का आरोप लगाया है।
- फिलहाल इस पूरे मामले की गहनता से सुरक्षा बल और एजेंसी जांच कर रहे हैं।
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क्या है पीईटीएन PETN विस्फोटक!
- विधानसभा सत्र के दौरान 30 साल के इतिहास में यह पहला मामला है जब विधान सभा के अंदर यह बेहद खतरनाक (NIA team) विस्फोटक पीईटीएन (PETN) मिला है।
- ये विस्फोटक नीले रंग की पॉलीथिन में रखा था।
- हालांकि ये पीईटीएन है क्या इसके बारे में हम आप को विस्तार से बताते हैं।
- फिलहाल इस एक बेहद संगीन मामले की एनआईए से जांच कराने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बात कही है वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (आईबी) ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
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गंधहीन सफेद पाउडर है पीईटीएन
- बता दें कि पीईटीएन (PETN) एक गंधहीन सफेद पाउडर है।
- जिसे डिटेक्ट करना आसान नहीं होता है।
- यहां तक की डॉग स्क्वॉड (खोजी कुत्ते) भी इसकी पहचान नहीं कर पाते।
- मेटल डिटेक्टर भी इस विस्फोटक को डिटेक्ट नहीं कर सकता।
- इस विस्फोटक का पूरा नाम पेंटाईरीथ्रीटोल ट्राईनाइट्रेट है।
- जिसकी छोटी सी मात्रा भी खतरनाक होती है।
- विशेषज्ञों की माने तो इसकी 100 ग्राम मात्रा ही एक कार को उड़ाने के लिए काफी है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि (NIA team) सुरक्षा उपकरणों में पकड़ में ना आने की वजह से PETN आतंकवादियों की पसंद है।
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इन जगहों पर इस्तेमाल हुआ PETN
- 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट में PETN का इस्तेमाल किया गया था। इस ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे और 76 लोग घायल हुए थे।
- वर्ष 2001 में शू बॉम्बर के नाम से मशहूर टेररिस्ट रिचर्ड रीड ने मियामी से जाने वाले अमेरिकन एयरलाइंस जेट पर इसका इस्तेमाल किया था।
- वर्ष 2009 में अलकायदा मेंबर उमर फारुख अब्दुलमुतल्लब ने नॉर्थवेस्ट जाने वाली एक फ्लाइट में PETN के इस्तेमाल की कोशिश की,लेकिन नाकामयाब रहा। यह अपने अंडरवियर में एक्सप्लोसिव छिपाकर ले गया था और पकड़ा गया।
- वर्ष 2010 में अक्टूबर महीने में यमन से अमेरिका जाने वाले एक कार्गो प्लेन में PETN मिला था।
- वर्ष 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट में PETN से ब्लास्ट किया गया। हाईकोर्ट धमाके में भी इस विस्फोटक के (NIA team) उपयोग की बात सामने आई थी।
NIA की टीम विधान भवन पहुंची, विस्फोटक की जांच के लिए विधान भवन का निरीक्षण शुरू किया। pic.twitter.com/zwl9bU6XN0
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