प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल के अंदर महिला के यौन उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है।
- महिला का आरोप है कि अस्पताल के मालिक की सह पर तीन कर्मचारी उसका काफी दिनों से मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे।
- जब बर्दास्त से बाहर हो गया तो उसने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
- इसके बाद महिला ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महत्वाकांक्षी योजना ‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ से मदद मांगी लेकिन वहां से भी मदद नहीं मिली।
- पीड़ित का आरोप है कि अस्पताल का यह कर्मचारी अपने आप को एक एसपी का भाई और सपा का करीबी बताकर धमकाता भी है।
- फिलहाल इस मामले में थाना प्रभारी लंका तेज बहादुर ने बताया तहरीर के आधारपर पुलिस ने मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है।
- पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने दबाब में आकर धाराओं में खेल करके हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
- वहीं अस्पताल के मालिक का कहना है महिला के आरोप बेबुनियाद हैं,
- अस्पताल में सीसीटीवी कमरे लगे हैं कोई भी रिकार्डिंग देख सकता है। अगर कर्मचारी दोषी हों तो कार्रवाई की जाये।
यह है पूरा मामला
- जानकारी के मुताबिक, वाराणसी लंका थाना क्षेत्र में एपेक्स अस्पताल स्थित है।
- यहां पिछले पांच साल से पूजा सिंह (काल्पनिक नाम) कैंसर विभाग में रेडियंस टेक्नोलोजिस्ट के पद पर कार्यरत हैं।
- पूजा का आरोप है कि अस्पताल में कार्य करने वाले सहयोगी अमित पांडेय, राकेश कुमार और फार्मासिस्ट अजय यादव उनके साथ आये दिन अभद्रता करते हैं।
- पीड़िता ने बताया कि यह तीनों 2014 से उसके साथ अभद्र व्यवहार कर उसे मेंटल टार्चर करते हैं।
- कई बार उसके साथ अश्लील हरकत भी कर चुके हैं।
- वह इनकी हरकतों को नजरंदाज करती रही।
- लेकिन बर्दास्त से बाहर तब हो गया जब इन तीनों ने अस्पताल के मालिक डॉ. एसके सिंह की मिलीभगत उसका सौदा तय कर दिया।
- इतना ही नहीं उसे अकेला पाकर मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाने लगे और अश्लील बातों के साथ उसे अकेला पाकर दबोचने की कोशिश करने लगे।
- पीड़िता को इसकी भनक लगी तो उसने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की लेकिन उसकी किसी ने न सुनी बल्कि उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी गई।
- पीड़िता ने यह सारी बातें अपने पति को बताईं तो वह अस्पताल शिकायत करने पहुंचे तो आरोपितों ने उन्हें धमकाया और गाली-गलौज किया।
- पीड़िता ने इसकी पुलिस से शिकायत की लापरवाह पुलिस ने भी एक न सुनी।
- मामला मीडिया में आने के बाद लंका थाना प्रभारी ने हल्की धाराओं में केस दर्ज कर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की।
- पीड़िता का आरोप है कि उसे 1090 से भी मदद नहीं मिली अब वह महिला सम्मान प्रकोष्ठ और महिला संगठनों का सहारा लेकर कार्रवाई की मांग करेगी।
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