उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही कर्मनिष्ठ और ईमानदार छवि वाले व्यक्ति हैं. लेकिन योगी सरकार के ही कुछ मंत्री ऐसे भी हैं जो न केवल उनकी छवि को धूमिल करने पर तुले हैं बल्कि पूर्व सरकारों के मंत्रियों की तरह ही इन मंत्रियों ने भी ट्रांसफर-पोस्टिंग के धंघे की शुरू कर दिया है. लेकिन इनके इस घंधे की भनक से अब मोदी सरकार को भी लग चुकी है. जिसके चलते प्रधानमंत्री कार्यालय ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence bureau) से सरकार के विपरीत कार्य करने वाले इन मंत्रियों की रिपोर्ट मांगी है.
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दो अफसरों की गुमनाम चिट्ठियों के बाद पीएमओ ने उठाया ये कदम-
- उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई योगी सरकार ने हालही में अपने 100 दिन पूरे किये हैं.
- लेकिन सरकार के कुछ मंत्रियों की काले धंधे की सुगबुगाहट ने प्रधानमंत्री कार्यालय में हलचल सी मचा दी है.
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- बता दें कि पूर्व की सरकारों के मंत्रियों की तरह ही योगी सर्कार के कुछ मंत्रियों ने भी लखनऊ में ट्रांसफर-पोस्टिंग के धंघे की शुरू कर दिया है.
- जिसकी पोल दो अफसरों की गुमनाम चिट्ठियों ने खोली है.
- बता दें कि ये अफसर नए मंत्रियों द्वारा की जा रही ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसे की डीलिंग से परेशान है.
चिट्ठी में अफसरों ने कही ये बातें-
- दो अफसरों की गुमनाम चिट्ठियों ने यूपी सरकार में चल रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग के धंधे की पोल खोल दी है.
- अफसरों ने ये गुमनाम चिट्ठियों प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी.
- जिसमे उन्होंने लिखा कि नई सरकार में उन्हें स्वच्छ व्यवस्था की उम्मीद थी.
- मगर, निजी सचिव और अन्य करीबियों के जरिए मंत्री महकमे में क्लास वन और टू अफसरों की पोस्टिंग के लिए रेट फिक्स कर दिए हैं.
- ये वही रेट हैं, जो सपा सरकार में चलते थे.
- गौरतलब हो कि इन अफसरों की शिकायत में जिन मंत्रियों का जिक्र है, वे हाल ही में बीजेपी में शमिल हुए हैं.
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- जिसके बाद किस्मत से इन्हें योगी सरकार में माल कमाने वाले महकमे भी हासिल हो गया है.
- जिसके बाद अब इन्हें ने लूट-खसोट शुरू कर दी है.
- ऐसे में इन मंत्रियों पर शायद इसका असर न पड़े लेकिन योगी सरकार की साफ़ छवि मिटटी में मिलना तय है.
- ऐसे में इसका सीधा असर पीएम मोदी के मिशन 2019 पर भी पड़ेगा.
- इन शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए पीएमओ ने IB से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है.
- IB के एक सीनियर अधिकारी ने इसबात की पुष्टि की है.
- हालांकि उन्होंने मामले में कोई डिटेल देने से साफ़ मना कर दिया है.
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- बता दें कि पीएम और उनकी टीम ने पीएमओ के जरिए आइबी को मौखिक रूप से आदेश दिए हैं.
- जिसमे योगी सरकार के कुछ खास मंत्रियों की हरकतों पर नजर रखे को कहा गया है.
- गौरतलब हो कि इसकी मोनिटरिंग के लिए PMO ने एक सेल का गठन रखा है.
- ये सेल न केवल यूपी सरकार को योजना बनाने में मदद करेगा बल्कि मंत्रियों और अफसरों की गतिविधियों पर भी नज़र रखेगा.
- इस सेल ने ही IB को करप्ट मंत्रियों की रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.
मनचाही तैनाती के लिए जाते हैं 25 से 50 लाख-
- गुमनाम चिट्ठियों में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए ली जाने वाली रकम का भी ज़िक्र है.
- चिट्ठियों में ट्रांसफर-पोस्टिंग द्वारा मंत्री द्वारा की जा रही बड़ी धनउगाही की बात कही गई है.
- चिट्ठियों में क्लास वन के अफसरों की तैनाती के लिए 25 से 50 लाख रुपये लेने की बात कही गई है.
- जबकि तहसील और ब्लाकस्तर के अफसरों के रेट का भी ज़िक्र किया गया है.
- गौरतलब हो कि इस मामले में करीब आधे दर्जन मंत्रियों के शामिल होने की बात कही गई है.
- ज्ञातव्य हो की कई रैलियों में पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि सपा बसपा अफसरों के पदों को नीलाम करती है.
- ऐसे में वक़्त रहते अगर इस मामले पर कार्यवाही नही की गई तो बीजेपी सरकार पर भी उँगलियाँ उठनी तय है.
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