उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने करोड़ों रूपए की लागत लगा कर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट साइकिल ट्रैक को तैयार कराया था. लेकिन प्रदेश की योगी सरकार ने अबी इस साइकिल पथ को समाप्त करने का फैसला लिया है. जिसके तहत जल्दी ही इसे समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. सरकार के इस फैसले से नाराज़ सपा ने प्रदेश भर में विरोध करना शुरू कर दिया है. इस क्रम में सपा ने आज कानपूर ने साइकिल पथ हटाए जाने के फैसले पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
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विरोध के दौरान काली पट्टी बांध कर सपाइयों ने चलाई साईकिल-
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- हाल ही में बीजेपी मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बयान में कहा कि साइकिल ट्रैक की न तो उपयोगिता है न आवश्यकता.
- इसलिए सरकार ने इसे समाप्त करने का फैसला लिया है.
- जिसके तहत जल्दी ही इसे समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
- सरकार के इस फैसले पर सपा ने पूरे प्रदेश में विरोध करना शुरू कर दिया है.
- इस क्रम में सपा ने आज कानपुर में साइकिल पथ हटाने को लेकर सरकार का विरोध किया.
- सपा जिलाध्यक्ष ग्रामीण छात्र संघ सुधांशु मिश्र और उपाध्यक्ष पवन शुक्ला की अगुवाई में ये विरोध किया गया.
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- जिसमें सपाईयों ने काली पट्टी बांध 10 कि.मी. तक साईकिल चला सरकार का विरोध किया.
- सुधांशु मिश्र ने कहा कि सरकार एक तरफ तो योग दिवस पर तो करोड़ो खर्च कर रही है.
- लेकिन दूसरी तरफ साईकिल पथ तोड़े जाने का फैसला ले लिया.
- उन्होंने कहा कि साईकिल चलाना स्वास्थ और पर्यावरण के लिहाज से बहुत जरूरी है.
- बढते ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को देखते हुए हमें साईकिल चलाने के लिए लोगो को जागरूक करना चाहीए.
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- लेकिन इसके उलट सरकार अपने तानाशाही रवैये से बाज नही आ रही है.
- सरकार को चेताते हुए सपाईयों का कहना है सरकार अगर अपना यह फैसला वापस नही लेती है तो ये विरोध प्रदर्शन और उग्र होगा.
- जबकि सरकार ने यह फैसला जनता को जाम व दुर्घटना और सड़को के चौड़ीकरण को देखते हुए लिया है.
नगर मंत्री सुरेश खन्ना ने जताया था विरोध-
- सपा सरकार में बने साइकिल ट्रैक पर योगी सरकार की नज़रे टेढ़ी हो गयी है.
- सुरेश खन्ना ने अपने बयान में कहा कि साइकिल ट्रैक की न तो उपयोगिता है न आवश्यकता.
- इसलिए सरकार ने इसे समाप्त करने का फैसला लिया है.
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- जल्दी ही इसे समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी.
- सबसे पहले ट्रैक तोड़ने की प्रक्रिया बरेली से शुरू की जाएगी.
- योगी सरकार बनने के तीन महीने बाद अभी तक आधिकारिक तौर पर ट्रैक तोड़ने को लेकर काम शुरू नहीं हुआ है.
अखिलेश को कैसे आया आइडिया?
- अखिलेश यादव को साइकिल ट्रैक का आइडिया यूरोपीय देश नीदरलैंड्स के साइकिल ट्रैक देखकर आया था.
- 2014 में अखिलेश यादव नीदरलैंड्स गए थे.
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- वहां पर उन्होंने साइकिल ट्रैक बनाने वाली कंपनी को यूपी में भी साइकिल ट्रैक बनाने का न्योता दिया था.
- इस तरह यूपी में साइकिल ट्रैक बनाने की शुरुआत हुई थी.
कहाँ और कितने किलोमीटर बना हैं साइकिल ट्रैक
- आगरा से इटावा के बीच 207 किमी. में बना साइकिल ट्रैक के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना पास की गयी.
- यह एशिया का पहला साइकिल हाइवे है.
- जब से इसका लोकार्पण हुआ है तब से इसका उपयोग नहीं हो रहा है.
- फिर सवाल है कि इसको क्यों बनवाया गया?
क्या सारे पैसे ठीक से खर्च हुए?
- योगी सरकार इसकी जांच में जुटी हुई है.
- अखिलेश सरकार के समय उत्तर प्रदेश में बने साइकिल ट्रैक को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्री सुरेश खन्ना ने बड़ा बयान दिया है.
- सुरेश खन्ना ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान बने साइकिल ट्रैक तोड़े जाएंगे.
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- मंत्री बनने के बाद पहली बार बरेली पहुंचे नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बात करते हुए कहा.
- समाजवादी सरकार में बने साइकिल ट्रैक को तुड़वाया जाएगा.
- जब उनसे पूछा गया कि साइकिल ट्रैक पर बहुत ज्यादा अतिक्रमण है.
- तब उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक को जल्द ही तुड़वा दिया जाएगा.
ज्यादातर साईकिल ट्रैक पर है अतिक्रमण
- दरअसल ज्यादातर साइकिल ट्रैक पर अतिक्रमण है.
- जिस उद्देश्य से इन ट्रैक को बनाया गया था वो पूरा नहीं हो सका है.
- ट्रैक बनने से सड़कों की चौड़ाई भी कम हो गई है.
- इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के राजनीतिक विरोधी विरोध कर चुके है..
- साइकिल ट्रैक के इर्द गिर्द लाल-हरे रंग की सीमा रेखा बनाने पर भी ऐतराज कर चुके हैं.
- क्योंकि वे इसे एसपी के प्रचार का साधन मानते हैं.
- आपको बता दें कि एसपी का झंडा लाल हरे रंग का है.
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