रायबरेली नरसंहार (raebareli murder) को लेकर यूपी में सियासत गर्म हो गई है. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा जातिगत टिप्पणी ने पूरे मामले में आग में घी डालने का काम किया है. स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान को लेकर आज अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि स्वामी प्रसाद को नहीं बर्खास्त किया गया तो प्रदर्शन बड़े पैमाने पर होगा.
वहीँ स्वामी प्रसाद मौर्या ने इसके पूर्व कहा था कि मारे गए 5 लोग आपराधिक प्रवृति के थे और उनपर कई मुक़दमे दर्ज थे.
स्वामी प्रसाद का दावा झूठा निकला:
- पूरे प्रकरण पर अब स्वामी प्रसाद मौर्या घिरते नजर आ रहे हैं.
- रायबरेली नरसंहार पर बड़ा खुलासा है.
- स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा लगाए गये आरोप बेबुनियाद साबित हो रहे हैं.
- जाँच में मारे गए लोगों का अपराधिक इतिहास नहीं पाया गया है.
- मारे गए लोगों की कोई हिस्ट्रीशीट नहीं है.
- कौशाम्बी और प्रतापगढ़ पुलिस की रिपोर्ट कम से कम यही दर्शाती है.
स्वामी प्रसाद ने बताया था हिस्ट्रीशीटर:
- स्वामी प्रसाद मौर्या ने कुशीनगर में रायबरेली नरसंहार पर बयान दिया था.
- उन्होंने कहा कि जो मारे गए वो किराये के गुंडे थे.
- उनपर अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं.
- ग्रामीणों ने जिनकों पीट-पीटकर या जलाकर मार डाला, वो गुंडे थे.
- सभी के सभी किराये के गुंडे थे जो प्रतापगढ़ और फतेहपुर से आये थे.
- मौर्या ने इनको गंभीर अपराधों में वांछित बताया.
- उन्होंने कहा कि मारे गए गुंडों को शहीद बताया जा रहा है.
- इसको लेकर सपा और कांग्रेस राजनीति कर रही है.
- उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों की हत्या नहीं हुई अपराधियों की हत्या हुई.
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