घर से निकलकर स्कूल जा रही थी रागिनी, लेकिन उसे नहीं मालूम था कि आज वो स्कूल नहीं पहुँच पायेगी, अगर रागिनी को इस बात की भनक भी होती तो वो शायद स्कूल नहीं जाती और उसकी जान बच सकती थी. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था और वही हुआ जिसका डर था.
https://youtu.be/EJKYXhq58tE
काश वो स्कूल पहुँच गई होती:
- पूरा मामला यूपी के बलिया जनपद के बांसडीह रोड थाना क्षेत्र के शंकरपुर काली मंदिर इलाके का है.
- सुबह स्कूल जा रही एक छात्रा की बाइक सवार बदमाशों ने चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी.
- हैवानियत से भरे इस अपराध को सरेराह अंजाम देने के बाद हमलावर सीना ताने फरार हो गए.
- मृतका का नाम रागिनी दूबे (17) है जो पास के ही बजहां गांव की रहने वाली थी.
- रागनी दुबे विजेंद्र दूबे की पुत्री थी और सलेमपुर के एक प्राइवेट स्कूल में 12वीं की छात्रा थी.
https://www.youtube.com/watch?v=WahtTvKxHog
इंकार की सजा मौत?
- रागिनी दूबे और हत्यारोपी आदित्य तिवारी एक ही गांव के हैं.
- आरोपी आदित्य के पिता कृपाशंकर तिवारी गांव के प्रधान भी हैं.
- इस नाते आदित्य उर्फ़ प्रिंस को सभी पहचानते हैं लेकिन आदित्य के दिमाग में क्या था ये कोई नहीं जान सका.
- रागिनी को जबरन बात करने के लिए आदित्य कई बार मजबूर कर चूका था.
- लेकिन रागिनी को ये सब पसंद नहीं था और उसने बात करने से इंकार कर दिया था.
- लेकिन परिवार वालों को अंदाजा नहीं था कि आदित्य इस ना पर इतना हिंसक हो जायेगा.
- स्कूल जाते वक्त रागिनी को रोककर अपने साथियों की मौजूदगी में चाकू के वार से उसकी जान ले ली.
- चाकू के इतने वार को देखकर समझा जा सकता है कि आदित्य को ‘ना’ नागवार गुजरा होगा.
- इस हैवानियत की कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती है.
- हत्या की बात मालूम होने के बाद आरोपी का पिता मृतका रागिनी के घर जा धमका.
ग्राम प्रधान कृपाशंकर तिवारी जो फ़रार है, इसने हत्या के बाद घरवालों को धमकी दी थी कि पुलिस के पास ना जाना.
पीड़ित परिवार को दी थी धमकी:
- आरोपी का पिता कृपाशंकर तिवारी पीड़ित परिवार के यहाँ पहुंचा.
- हत्या की बात बताने के बाद उसने खुलेआम धमकी भी दी.
- प्रधान होने का दंभ दिखाते हुए उसने परिवार वालों को धमकाया था.
- उसने कहा था कि अगर पुलिस को वो चाकू भी दे दे तो कोई कुछ नही करेगा.
- पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ने वाली है.
- फ़िलहाल आरोपी का पिता फरार है.
- उक्त बातें बताते वक्त रागिनी की बहन रो पड़ी.
- मृतका रागिनी की बहन कहती है कि उन्हें इंसाफ चाहिए.
- हर हाल में बहन के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए.
- वहीँ आलोचनाओं के बाद आज सुबह एसपी सुजाता सिंह के घर पहुँचने की बात भी कही.
मुख्य आरोपी गिरफ्तार:
- देर रात पुलिस ने आखिरकार मुख्य आरोपी आदित्य तिवारी उर्फ़ प्रिंस को पकड़ने में कामयाबी हासिल कर ली.
- मुख्य आरोपी प्रिन्स तिवारी का साथी राजू भी गिरफ्तार हुआ है.
- आरोपी के पिता कृपाशंकर तिवारी प्रधान हैं.
- प्रधान पुत्र होने के दंभ में आदित्य अक्सर स्कूल आने-जाने वाली लड़कियों पर फब्तियां कसता था.
- आरोपी आदित्य लगातार रागिनी पर बात करने का दबाव बनाता था.
- लेकिन परिवार वाले गाँव की बात समझकर चुप रह जाते थे.
- पूरे मामले में बलिया पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
- जिले की कप्तान सुजाता सिंह और उनकी टीम की लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली.
- एंटी रोमियो दल इन्हीं घटनाओं को रोकने के लिए बनाया गया लेकिन इनकी नाकामी की पोल भी अब खुल चुकी है.
कहाँ है डायल 100:
- एसपी सुजाता सिंह की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.
- बलिया की कानून व्यवस्था पर वहां के बीजेपी नेताओं ने भी सवाल उठाये हैं.
- अब पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है.
- लेकिन शुरुआती शिकायत पर पुलिस अगर एक्शन लेती तो आज रागिनी कम से कम अपने स्कूल पहुँच गई होती.
- जिले में डायल 100 और एंटी रोमियो को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
एसपी सुजाता सिंह ने दी सफाई:
- एसपी सुजाता सिंह ने कहा कि परिवार ने पहले कोई पुलिस में शिकायत नहीं दी थी.
- उन्होंने बताया कि गांव का मामला होने के कारण परिवार ने प्रधान से शिकायत की.
- आदित्य प्रधान का पुत्र है इसलिए उन्होंने शिकायत की थी.
- एसपी सुजाता सिंह ने कहा कि दो आरोपी गिरफ्त में हैं फरार आरोपियों की तलाशी जारी है.
परिजनों ने पुलिस पर मामला दबाने का लगाया आरोप:
- बलिया पुलिस अब मामले को प्रेम प्रसंग का रंग देने में जुटी हुई है.
- परिजनों से जब हमनें पुलिस के बयान के बाद बात की तब परिजन जैसे एकदम टूट गए.
- उन्होंने कहा कि रागिनी की मौत के बाद अब उसे बदनाम करने की कोशिश हो रही है.
- उन्होंने प्रेम प्रसंग की बात सिरे से ख़ारिज कर दी.
- मृतका रागिनी की बहन ने बताया कि पुलिस जानबूझकर उसकी मृत बहन को बदनाम करने में जुटी है.
- आरोपी आदित्य रागिनी को परेशान कर रहा था, जिसकी शिकायत उसके पिता से घटना के एक दिन पूर्व ही की गई थी.
- पिता ने रागिनी और उसके परिवार के सामने बेटे को समझाने की बात कही थी.
- कृपाशंकर तिवारी ने कहा था कि पुलिस के यहाँ न जायें, वो अपने बेटे को समझायेंगे.
- कृपाशंकर तिवारी ने आश्वस्त किया था कि अब आदित्य रागिनी को परेशान नहीं करेगा.
- परिजन भी आरोपी के पिता की बात मानकर घर चले गए.
- परिजनों का कहना है कि उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि इस प्रकार की घटना उनकी बेटी के साथ होगी.
- वहीँ उन्होंने बताया कि रागिनी पढ़ने से मतलब रखती थी.
- वो स्कूल आते-जाते तंग करने वालों को नजरअंदाज कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती थी.
- वो 12वीं की छात्रा थी और आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ जाना चाहती थी.
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