इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए तलवार दंपति को आरुषि-हेमराज मर्डर केस से बरी कर दिया था। सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जेल तक कोर्ट का आदेश पहुंचने में देरी के कारण उन्हें दो दिन और जेल बिताना पड़ा। (Aarushi-Hemraj murder case)
लखनऊ से प्रियंका माहेश्वरी होंगी ‘आप’ मेयर उम्मीदवार, यहां देखें सूची
- बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में 4 साल से सजा काट रहे राजेश और नुपुर तलवार सोमवार को गाजियाबाद की डासना जेल से रिहा हो गए।
- हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी पहुंचने के बाद सीबीआई कोर्ट ने रिहाई का आदेश जारी किया।
- इसके बाद डासना जेल से दोनों को रिहा कर दिया गया।
- पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें घर तक लेकर गई।
- रिहाई के वक्त तलवार दंपत्ति ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया और कार में बैठकर अपने घर के लिए रवाना हो गए। (Aarushi-Hemraj murder case)
घरेलू कामगारों के लिए कानून बनाकर बोर्ड का गठन किया जाये
जेल में हजारों कमाने के बाद 99 हजार रुपये किया दान
- गौरतलब है कि आरुषि-हेमराज मर्डर केस में करीब चार साल जेल की सजा काट चुके आरुषि के माता पिता राजेश और नुपुर तलवार को सीबीआई कोर्ट ने हत्या का आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
- तलवार दंपत्ति ने जेल के अंदर डेंटल क्लिनिक का पूरा सेटअप बनाया हुआ है, जहां वो दांतों की समस्या वाले सभी मरीजों को देखा करते थे।
- जिसके लिए उन्हें रोज 40 रूपए मेहनताना मिला करता था।
- तलवार दंपति को 13 अक्टूबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बरी किया था।
- सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
- राजेश तलवार दसना जेल में 4 साल 11 दिन रहे। (Aarushi-Hemraj murder case)
- नूपुर तलवार ने 3 साल 11 माह 18 दिन जेल में गुजारे।
सण्डीला के मंडी सचिव पर यौन शोषण व दलित उत्पीड़न की रिपोर्ट
- कैदी नंबर 9342 राजेश तलवार को जेल में इलाज का काम दिया गया।
- राजेश तलवार को मरीजों के दांत के इलाज का काम दिया गया।
- जिसका अब तक का मेहनताना 49000 बना है।
- कैदी नंबर 9343 नूपुर तलवार ने जेल में महिला मरीजों का इलाज किया।
- नूपुर तलवार ने जेल में बच्चों को पढ़ाने का भी काम किया।
- जिसका अब तक का मेहनताना 35000 बना है।
सण्डीला के मंडी सचिव पर यौन शोषण व दलित उत्पीड़न की रिपोर्ट
- जेल में 4 साल में तलवार दंपती की ओर से कमाए गए 84 हजार रुपये उन्होंने कैदियों के कल्याण के लिए जेल प्रशासन को दान कर दिए।
- तलवार दंपत्ति ने जेल में मेहनताना लेने से इंकार कर दिया।
- रिहाई के बाद भी तलवार दंपति अन्य कैदियों के इलाज के लिए हर 15 दिन में गाजियाबाद की डासना जेल जाते रहेंगे। (Aarushi-Hemraj murder case)
मुजफ्फरनगर में कब्रिस्तान से मुर्दे चोरी होने से तनाव
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.