कौन कहता है कि कानून बस खूंटी पर टंगा है, बस एक बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ घूम आइए। कुर्सी, चारपाई, टेबुल, फर्श यहां तक कि मच्छरदानी के अंदर तक आपको कानून लेटा, पसरा, ऊंघता, सोता मिल जाएगा। सदैव आपकी सेवा में तत्पर रहने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस सोती हुई मिल जाएगी। आप सोचते होंगे लखनऊ पुलिस के पास इतनी पेंडिग और बड़े केस होंगे कि बेचारे कानून को सांस लेने की भी फुर्सत नहीं होगी, लेकिन यहां तो सांसें खर्राटे मार रही हैं। आखिर वर्दी पहनने वालों का रौब अलग ही होता है। हम आपको दिखाते हैं उत्तर प्रदेश की मित्र पुलिस की सजगता और तत्परता…
कैमरे में कैद हुए सोते पुलिसवाले
यूपी की सोती पुलिस का पूरा सच ‘uttarpradesh.org‘ के कैमरे में कैद हो गया। कहते हैं सिस्टम में चीजें ऊपर से ही बिगड़ती और ऊपर से ही सुधरती हैं। हमारी टीम रात के 12 बजे राजधानी की सड़कों पर निकल गई। uttarpradesh.org के कैमरे में कैद तस्वीरें देख कर लगता है ‘दीपक तले अंधेरा’ है…
https://www.youtube.com/watch?v=t7q6bsKR7zc&feature=youtu.be
रात, 12:27 बजे (पुलिस चौकी बादशाह नगर) : हमारी टीम जैसे ही कोतवाली महानगर इलाके के बादशाह नगर पहुंची, वहां की तस्वीर देख हैरान रह गए। पुलिस चौकी में ताला लटका मिला और राजधानी के रक्षक नदारद दिखे…
रात, 12:35 बजे (पुलिस चौकी लेखराज) : बादशाह नगर के बाद हमारी टीम ने लेखराज पुलिस चौकी का रुख किया। लेखराज पुलिस चौकी में बाहर से कुंडी लगा मिला। जिसके बाद हमारी टीम ने चौकी का दरवाजा खोलकर देखा तो अन्दर कोई नहीं था। हमारी टीम चौकी में करीब 10 मिनट तक पुलिसकर्मियों का इंतजार करती रही, लेकिन कोई भी नहीं आया। बंद चौकी के अंदर टेबल पुलिस की टोपी अपना काम बखूबी कर रही थी। टोपी के सहारे ही चौकी और राजधानी के लोग…
रात, 12:58 बजे (पुलिस सहायता केंद्र, कमता) : लेखराज के बाद हमारी टीम कमता पुलिस सहायता केंद्र पहुंची, लेकिन यहां भी कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं मिला और सहायता केंद्र पर ताला बंद मिला।
रात, 1:06 बजे (पुलिस चौकी, मटियारी) : कमता सहायता केंद्र के बाद हमारी टीम मटियारी पुलिस चौकी पहुंची, जहां एक पुलिसकर्मी की बाइक खड़ी मिली, हमें लगा शायद यहां कोई पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैयार मिल जाए, चौकी पर यहां भी कुंडी लगी हुई थी। हमारी टीम ने वहां 20 मिनट तक किसी पुलिसकर्मी के आने का इंतजार किया, लेकिन कोई भी नहीं आया।
रात, 1:36 बजे (पुलिस चौकी, कठौता) : हमारी टीम जहां भी गई लखनऊ पुलिस के सुरक्षाकर्मियों की जगह सिर्फ ताले ही मिले। मटियारी पुलिस चौकी के बाद हमारी टीम कठौता पुलिस चौकी पहुंची। यहां भी हमें अन्य चौकियों की तरह ही कुंडी बंद मिली।
रात, 1:46 बजे (पुलिस चौकी, पत्रकारपुरम) : कठौता के बाद हमारी टीम राजधानी की सबसे पॉश इलाका कहे जाने वाले गोमती नगर पहुंची। गोमती नगर में सबसे पहले टीम पत्रकारपुरम चौकी पहुंची, जहां चौकी लाइट बंद मिली, उनके बाद टीम ने चौकी के दरवाजे में लगी कुंडी को खोल कर चौकी का लाइट जलाया और 20 मिनट पुलिसकर्मियों का इंतजार करती रही…लेकिन यहां भी कोई नहीं आया।
रात, 1:59 बजे (पुलिस सहायता केंद्र, CMS) : पत्रकारपुरम के बाद हमारी टीम CMS स्कूल के पास बने पुलिस सहायता केंद्र पहुंची, जहां हमें अंदर लाइट जलती हुई दिखी, हमें लगा यहां शायद कोई मिल जाए…लेकिन यहां दरवाजा लॉक मिला।
रात, 2:05 बजे (पुलिस चौकी, सिटी मॉल) : CMS पुलिस सहायता केंद्र के बाद हमारी टीम पुलिस चौकी सिटी मॉल पहुंची। जहां चौकी के अंदर लाइट जलती मिली और चौकी बंद मिली। वहां की सुरक्षा दरोगा जी की टोपी कर रही थी…
रात, 2:15 बजे (सीओ ऑफिस, गोमतीनगर) : सिटी मॉल चौकी के बाद हमारी टीम पहुंची गोमतीनगर क्षेत्राधिकारी कार्यालय। जहां मेन गेट पर ही ताला लगा हुआ था…
रात, 2:26 बजे (पुलिस चौकी, जियामऊ) : गोमतीनगर क्षेत्राधिकारी कार्यालय के बाद हमारी टीम पहुंची जियामऊ पुलिस चौकी। जियामऊ चौकी का हाल भी राजधानी की और चौकियों की तरह था…चौकी पर ताला लगा हुआ मिला और सबसे बड़ी बात ये चौकी सीएम आवास से महज एक किलोमीटर है।
रात, 2:38 बजे (पुलिस चौकी, हजरतगंज) : जियामऊ के बाद हमारी टीम सीधे राजधानी का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज पहुंची। यहां चौकी की लाइट बंद थी। जिसके बाद हमारी टीम ने चौकी के दरवाजे को खटखटाया, तब वहां सो रहे दो सिपाही करीब 10 मिनट बाद चौकी की लाइट जलाकर, वर्दी पहन और हथियार के साथ दरवाजा खोल बाहर निकले, जिन्हें चेहरे देखकर ही लग रहा था कि ये लोग नींद में थे।
रात, 2:56 बजे (पुलिस चौकी, छितवापुर) : हजरतगंज के बाद हमारी टीम पहुंची छितवापुर पुलिस चौकी जहां चौकी तो खुली थी, लेकिन वहां भी कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
रात, 3:10 बजे (पुलिस सहायता केंद्र, हुसैनगंज) : छितवापुर के बाद हमारी टीम हुसैनगंज पुलिस सहायता केंद्र पहुंची। यहां की तस्वीर देख हमारी टीम हौरान रह गई। पुलिस सहायता केंद्र बंद तो थी ही…पुलिस सहायता केंद्र के बाहर हमारी टीम को दर्जनों शराब की बोतलें सहायता केंद्र की सुंदरता बढ़ाने काम कर रही थीं।
रात, 3:22 बजे (पुलिस सहायता केंद्र, दारुलशफा) : हुसैनगंज पुलिस सहायता केंद्र के बाद हमारी टीम पहुंची दारुलशफा पुलिस सहायता केंद्र पहुंची। यहां भी हमारी टीम को ताला लगा हुआ मिला। आपको बता दें कि ये पुलिस चौकी बीजेपी कार्यालय के ठीक बाहर मौजूद है।
रात, 3:42 बजे (पुलिस चौकी, नरही) : दारुलशफा पुलिस सहायता केंद्र के बाद हमारी टीम पहुंची नरही पुलिस चौकी। जहां चौकी के अंदर लाइट जल रही थी। जिसके बाद हमारी टीम चौकी के दरवाजे को खोलने की कोशिश की, लेकिन चौकी का गेट बंद था।
बहरहाल, सदैव आपकी सेवा में तत्पर रहने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस का सच आपके सामने है। राजधानी में सूबे मुखिया सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं. इसके अलावा लखनऊ की जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इनकी है। ऐसे में जब पुलिस राजधानी की सुरक्षा ताक पर रख कर सो जाएगी, तो अपराधी कैसे न वारदातों को अंजाम दे। कई पुलिस चौकियों के हाल को देखकर कोई भी ये समझ सकता है कि लखनऊ पुलिस जनता की सुरक्षा में कितनी सजग और तत्पर है। शायद यही वजह है कि लखनऊ पुलिस की यही तत्परता देखकर अपराध को अंजाम देने वालों की बांछें खिल जाती होंगी और अपराध को अंजाम देकर अपराधी फरार हो जाती है। इस पूरे रियलटी चेक के बाद एक बात तो सामने आ गई… ‘मुस्कुराइए आप लखनऊ हैं’ की जगह लखनऊ का स्लोगन ‘डरिए आप लखनऊ हैं’ होना चाहिए।