यूपी और एनसीआर में वर्तमान समय में रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) और बेईमान बिल्डरों से जनता काफी परेशान है. गौरतलब हो कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 3 लाख निवेशक बिल्डरों के चक्कर में फंसे हुए हैं. में सवाल ये उठता है कि इन बेईमान बिल्डरों पर अब तक मेहरबानी क्यों?
ऑडी और मर्सडीज से घूम रहे बिल्डर-
- बीते 26 जुलाई को सीएम योगी ने रियल स्टेट बिल ‘UPRERA’ की वेबसाइट का शुभारंभ किया था.
- इस दौरान प्रमुख सचिव आवास मुकुल सिंघल ने कहा था कि RERA एक्ट भारत सरकार ने विचार विमर्श से बनाया है.
- लेकिन वर्तमान समय में रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी और बेईमान बिल्डरों से यूपी और NCR की जनता काफी परेशान है.
- बता दें कि नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में 3 लाख निवेशक फंसे हुए हैं.
- जिन्होंने 1 लाख करोड़ रियल स्टेट में लगाये हुए हैं.
- जो की अब पूरी तरह से फंसे हुए हैं.
- क्यों कि बेईमान बिल्डर किसी को पजेशन नहीं दे रहे.
- यही नही मौके पर निर्माण कार्य भी रुका हुआ है.
- ऐसे में बिल्डर जहाँ दोनों अथॉरिटी का 10 हजार करोड़ भी पी गए.
- वही बिल्डरों ने अथॉरिटी और निवेशकों को भी जमकर लूटा है.
- ऐसे में टेम्पो पर चलने वाले बिल्डर जहाँ अब ऑडी और मर्सडीज से घूम रहे हैं.
- वहीँ जनता ठोकर खा रही है.
किसके आदेश पर हो रहा बेईमान बिल्डरों का संरक्षण?
- यूपी और एनसीआर में बिल्डरों ने अथॉरिटी और निवेशकों को जमकर लूटा है.
- हालत इस कदर बदतर हो चली है कि जहाँ यूपी का रेरा कानून दिव्यांग बना हुआ है.
- वहीँ नोएडा में पुलिस भी बिल्डर पर FIR नहीं लिखती है.
- सरकार, अथॉरिटी और पुलिस की मिलीभगत से किसी बिल्डर पर सीधे FIR नहीं हो सकती.
- ऐसे में एक बाद सवाल उठता है कि किसके कहने पर बेईमान बिल्डरों को संरक्षण दिया जा रहा है?
- क्यों कि हालत देख कर तो यही लगता है कि जब तक बेईमान बिल्डर जेल नहीं जायेगा नहीं सुधरेगा.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....