पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर द्वारा एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को आरटीआई में दी गयी। सूचना के अनुसार 2009-10 से 2017-18 के मध्य 08 वर्षों में कुल 68 ट्रेन दुर्घटना के मामलों में जाँच समितियां बनायीं गयी थीं। इनमे 64 मामलों में जाँच पूरी हो गयी है जबकि 04 मामलों में जाँच आख्या आणि बाकी है। (250 dead)
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250 लोगों की मौत हुई, 283 लोग घायल हुए
- इन ट्रेन दुर्घटनाओं में कुल 250 लोगों की मौत हुई जबकि 283 लोग घायल हुए।
- सबसे अधिक हताहत 07 जुलाई 2011 को छपरा-मथुरा एक्सप्रेस के एटा (उत्तर प्रदेश) में एक स्वराज माजदा बस से टकराने से हुए जिसमे 39 लोगों की मौत हुई जबकि 36 घायल हुए थे।
- इन दुर्घटना में कोई रेल कर्मी जिम्मेदार नहीं पाया गया था।
- 26 मई 2014 को गोरखधाम एक्सप्रेस के बस्ती और गोरखपुर के मध्य चेरुब स्टेशन पर एक माल गाडी से टकराने से 29 लोगों की मौत तथा 71 लोग घायल हुए थे।
- इस मामले में 02 कनिष्ठ रेलवे अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी थी।
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कोई रेलकर्मी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार नहीं
- इन 64 मामलों में 44 मामलों (लगभग 68%) में कोई रेलकर्मी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार नहीं पाया गया।
- शेष मामलों में अन्य लघु दंड के अलावा 07 रेलकर्मी बर्खास्त किये गए जबकि 04 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी।
- दुर्घटना के विभिन्न कारणों में गैर-जिम्मेदार ड्राइविंग के कारण सबसे अधिक 43 दुर्घटनाएं घटीं।
- इनमे 02 मामलों में बस तथा ट्रक, 15 मामलों में कार तथा 13 मामलों में ट्रेक्टर चालाक जिम्मेदार पाए गए। (250 dead)
- इसके अतिरिक्त ट्रैक पर पम्पिंग सेट छूटने तथा सांडों की लड़ाई के अलावा एक मामले में रेलवे लाइन के फ्रैक्चर से दुर्घटना घटी।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.