पशुपालन विभाग के जन सूचना अधिकारी द्वारा एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर को दी गयी, सूचना से स्पष्ट हो जाता है कि जीव आश्रय गोशाला संस्था को लेकर तत्कालीन डीएम (Anurag Yadav) लखनऊ अनुराग यादव सहित तमाम अफसरों पर भारी दबाव था।
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- सूचना के अनुसार जीव आश्रय गोशाला का पंजीकरण 29 नवम्बर 2012 को रजिस्ट्रार सोसाइटी, उत्तर प्रदेश के सामने हुआ।
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- इसके ठीक 02 दिन बाद ही तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी लखनऊ डॉ. राजेश बाबू वार्ष्णेय ने 01 दिसंबर 2012 के पत्र द्वारा गोशाला निबंधक को इसका पंजीकरण करने को कहा जिसे तीन दिन में स्वीकार करते हुए 04 दिसंबर को निबंधन प्रमाणपत्र संख्या 426 जारी कर दिया गया।
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- इसके ठीक अगले दिन 05 दिसंबर 2012 को तत्कालीन डीएम अनुराग यादव की अध्यक्षता तथा तत्कालीन नगर आयुक्त राकेश कुमार सिंह सहित तमाम अफसरों की उपस्थिति में एक बैठक में संस्था के सम्बन्ध में बिना कोई जानकारी लिए और बिना किसी प्रक्रिया का पालन किये ही आनन-फानन में अमौसी एयरपोर्ट के पास स्थित कान्हा उपवन का संचालन नगर निगम की जगह जीव आश्रय गोशाला को सौंप दिया गया।
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- नूतन के अनुसार इससे स्पष्ट होता है कि इस संस्था को लेकर (Anurag Yadav) भारी बाहरी दवाब था, अन्यथा इतनी तेजी से यह सारी बातें असंभव थी।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.