सहारा समूह के लिए बुरी खबर सुप्रीम कोर्ट ने पूँजी बाज़ार नियामक से 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया धनराशि वसूलने के लिए सहारा समूह के स्वामित्व वाली संपत्तियों की बिक्री शुरू करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायधीशों की पीठ ने भारत के मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर के नेतृत्व में यह फैसला लिया।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड को दिए गए निर्देश:
सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायधीशों की पीठ ने मुख्य न्यायधीश के नेतृत्व में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड को निर्देश दिए हैं की वो सहारा समूह की संपत्ति को बेचकर 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया धनराशि वसूल करें। इसके तहत सहारा समूह की किसी भी ऐसी संपत्ति को नहीं शामिल किया जायेगा जो देश के बाहर हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेबी इस प्रक्रिया पर अगले हफ्ते से अमल करना शुरू कर देगा। इस वसूली में ही सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय की रिहाई को भी कवर किया जायेगा। गौरतलब है की शीर्ष अदालत ने सुब्रत रॉय को 2 साल के लिए जेल भेजा था, जब सुब्रत रॉय बैंक गारंटी में 5,000 करोड़ रुपये और 5,000 करोड़ रुपये (नकदी) की व्यवस्था करने में विफल रहे थे। इसलिए इस बार उन्हें बैंक गारंटी की जगह नकद घटक भुगतान श्रेणी में रखा गया है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि, “सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री ही एकमात्र समस्या का समाधान है”।
सहारा प्रमुख जा सकते हैं अफ्रीका:
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सहारा समूह के स्वामित्व वाली संपत्ति की बिक्री कर बकाया धनराशि वसूल की जाएगी। सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की रिहाई भी इसी के तहत होगी। सूत्रों की माने तो सुब्रत रॉय इसके बाद देश छोड़कर अफ्रीका में बस सकते हैं।