उफनाई घाघरा के बहाव से एल्गिन-चरसड़ी बांध टूटने से अनेक गांवों में तबाही का मंजर है। जिसके बाद राहत तथा बचाव कार्य के लिए सेना बुला ली गई है। वहीं, आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट में सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज सूबे के बाढ़ग्रस्त जिलें गोंडा और बाराबंकी का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान शिवपाल अधिकारियों की कार्यशैली से खफा दिखाई दियें।
- शिवपाल ने इस बात को स्वीकार किया कि इलाके में लापरवाही बरती गई है।
- उन्होने कहा कि यदि विभाग ध्यान देता को एल्गिन बांध को टूटने से बचया जा सकता था।
- प्रदेश कैबिनेट मंत्री ने बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया।
- हवाई सर्वेक्षण के बाद शिवपाल ने राहत और बचाव कार्यों को लेकर प्रशासनिक और सिंचाई अधिकारियों के साथ बैठक की।
- बैठक में उन्होंने अधिकारीयों को पीड़ित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के सख्त निर्देश भी दिए।
घाघरा में समा गया रिंग बांधः
- एल्गिन-चरसड़ी बांध कटने के बाद सोमवार रात में रिंग बांध भी घाघरा नदी में समा गया था।
- बाढ़ से आसपास के करीब 700 गांवों की मुसीबत बढ़ गई है।
- घाघरा के पानी ने गोंडा के करनैलगंज इलाके के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
- 10 ग्राम पंचायतों के 100 मजरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
- बाढ़ से प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
- मालूम हो कि गोड़ा, बाराबंकी और आसपास के क्षेत्र में करीब 1 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
- हालात इस कदर बेकाबू हुए हैं कि बचाव के सेना को बुलाया गया है।
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प्रशासन की लापरवाही से टूटा रिंग बांधः
- बाराबंकी और गोंडा जिले घाघरा नदी ने कहर बरपाया है।
- लगातार हुई तेज बारिश के बाद घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी।
- घाघरा के तेज बहाव से करोड़ों की लगत से बने एल्गिन चरसरी बांध करीब 35 मीटर कट गया।
- लेकिन प्रशासन सोता रहा और उसने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
- जिसकी वजह से यहां मौजूद रिंग बांध पर भी रविवार से ही दबाव बढ़ रहा था और मंगलवार सुबह यह भी कट गया।
- बांध कटने से गोंडा जिले के करीब 50 गांव सहित बाराबंकी की सीमा पर स्थित दर्जन भर गांव में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है।
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