उत्तर प्रदेश के 23 जनपदों में बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई हुई है. इसी के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ सहित विभिन्न मंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. इसी क्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी शुक्रवार 25 अगस्त को जनपद गोण्डा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पाल्हेपुर में स्वास्थ्य सेवाओं सहित राहत कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने लोगों को उबला पानी पीने की सलाह देते हुए क्लोरीन टेबलेट का भी वितरण किया.

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स्वास्थ्य मंत्री ने सिखाया क्लोरीन टेबलेट के इस्तेमाल का तरीका-

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  • प्रदेश भर में बाढ़ की त्रासदी भयावह स्‍थिति में पहुंच चुकी है.
  • ऐसे में इस भयंकर बाढ़ में न सिर्फ बेजुबान पशु बल्कि काफी लोग डूब कर मर चुके हैं.
  • जिसके चलते मृतक जानवरो के शव के सड़ने से पेयजल संक्रमित तथा वातावरण प्रदूषित होने का खतरा भी काफी बढ़ गया है.
  • ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को इन समस्याओं से बचने के लिए पहले से ही दवाओं की व्यवस्था कर रखी है.
  • इस दवाओं का वितरण भी बाढ़ प्रभावित क्षत्रों में किया जा रहा है.
  • इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी आज गोण्डा में बाढ़ प्रभावित गाँव का दौरा किया.

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  • बाढ़ प्रभावित इन जनपदों में संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है.
  • जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इन क्षत्रों में राहत सामग्री के साथ क्लोरीन टेबलेट का भी वितरण किया.
  • इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को क्लोरीन टेबलेट के इस्तेमाल का तरीका भी सिखाया.
  • बता दें कि कल स्वास्थ्य मंत्री ने बाढ़ प्रभावित कई जनपदों के विधायकों से बातचीत की थी.
  • जिसमें उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसी भी समय ज़रुरत पड़ने पर सहायता का आश्वासन भी दिया था.

बाढ़ का कहर झेल रहे राज्य के ये 23 जनपद-

  • सीतापुर, गाजीपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोरखपुर,
  • मऊ, सन्तकबीरनगर, फर्रूखाबाद, बिजनौर, बस्ती, बाराबंकी, मिर्जापुर,बदायूं, सिद्धार्थनगर,
  • अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, फैजाबाद, महराजगंज , देवरिया.

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जिला मंडल एवं राज्य स्तर पर स्थापित किए गए कन्ट्रोल रूम-

  • इसके अतिरिक्त प्रत्येक जनपद में जनपदस्तर, मण्डलस्तर एवं राज्य स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किए गये है.
  • जनपद स्तर पर मुख्यालय में कार्यरत कन्ट्रोल रूम के प्रभारी अपरमुख्य चिकित्साधिकारी/उपमुख्य चिकित्साधिकारी बनाये गये है.
  • वहीँ मण्डलस्तर पर स्वास्थ्य विभाग के लेविल-4 के अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है.
  • जो कि अपने जनपदों से सम्बन्धित संक्रामक रोगो की सूचना प्राप्त कर मुख्यालय को सूचित करेगें.
  • राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशलय में टोल फ्री कन्ट्रोल रूम नम्बर 1800-180-5145 स्थापित किया गया है.
  • साथ ही महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के कैम्पकार्यालय के फैक्स नम्बर 0522-26़23980 स्थापित किया गया है.
  • इसके साथ ही ई-मेल- [email protected], [email protected] पर सूचना एकत्र करने की व्यवस्था की गई है.

रोगियों को वितरित की गयी जीवन रक्षक औषधियां-

  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में प्रति वर्ष राजस्व विभाग द्वारा चिन्हित स्थानों पर बाढ़ चैकिया स्थापित की जाती है.
  • जोकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सम्पर्क में रहती है.
  • दिनांक 21 अगस्त 2017 तक 23 बाढ़ प्रभावित जनपदों में उपचारित रोगियों को जीवन रक्षक औषधियां वितरित की गयी है.
  • बता दें कि बाढ़ प्रभावित क्षत्रों में कुल 718 चौकियां बनाई गई.
  • जिसमें उपचारित रोगियों की संख्या 87623 थी.
  • इन उपचारित रोगियों को 294478 ORS पैकेट वितरित किये गए.
  • साथ ही पानी की सफाई के लिए कुल 646497 क्लोरीन टेबलेट बांटी गई.

23 जनपदों में बाढ़ से प्रभावित हुए 2445 गांव-

  • इस वर्ष बाढ़ से प्रभावित 23 जनपदों में 2445 गांव प्रभावित हुए है.
  • जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 214 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 836 बाढ़ चैकिया स्थापित की गई हैं.
  • जिनमें से 428 चैकियां बाढ़ से प्रभावित हुई है.
  • इनमें कुल 22.98 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है.

23 बाढ़ प्रभावित जनपदों में दवाओं के स्टाक की स्थिति-

  • बाढ़ प्रभावित 23 जनपदों में  दवाओं के स्टाक की व्यवस्था की गई थी.
  • इन जनपदों में दिनांक 21 अगस्त 2017 तक दवाओं के स्टाक की स्थिति निम्नवत है.
  • ब्लीचिंग पाउडर- 1366( 25 ग्राम प्रति बैग)
  • क्लोरीन टेबलेट-468455
  • ORS पैकेट-2048430
  • एन्टीस्नेकवीनम्-4660
  • DDT-1315
  • मैलाथियाॅनटैक्नी/पाइरेथ्रम (ली0)-3467

पेयजल की अपूर्ति के लिए दिए गए ये निर्देश-

  • बाढ़ प्रभावित जनपदों में क्लोरीन युक्त अथवा विसंक्रमित पेयजल की अपूर्ति जलसंस्थान अथवा सम्बन्धित निकायों के माध्यम से कराये जाने के भी निर्देश दिए जा चुके है.
  • पेयजल में क्लोरीन की उपलब्धता हेतु OT टेस्ट-नियमित रूप से कराये जाने के भी निर्देश दिए जा चुके है.
  • साथ ही जिन स्थानों पर पेयजल की आशंका हो ऐसे स्थानों के पेयजल के नमूने एकत्र कर परीक्षण हेतु रीजनल लैब स्वास्थ्य भवन लखनऊ एवं राज्य स्वास्थ्य संस्थान, जल विश्लेषण प्रयोगशाला अलीगंज लखनऊ को भेजे जाने के निर्देश दिए जा चुके है.
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