राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने पूर्वांचल की बाढ़ विभीशिका (rescue submerged villages) पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि पूरा पूर्वाचल बाढ़ की चपेट में है। गांव के गांव जलमग्न हो गये, लोग बेघर हो गये और पलायन को मजबूर हैं।
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- लेकिन प्रदेश सरकार राहत एवं बचाव कार्य में असफल साबित हो रही है।
- कई गांव में बच्चें भूख से तड़प रहे हैं और पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है।
- जिससे पूर्वांचल में बाढ़ के प्रकोप से भयंकर त्रासदी मची हुयी है।
- उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी न तो बाढ़गस्त क्षेत्रों का दौरा कर रही है और न ही उनके लिए किसी तरह के कोई साधन मुहैया करा रही हैं।
- जिससे लाखों लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
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मुख्यमंत्री का भी कर्मक्षेत्र है गोरखपुर
- डाॅ. अहमद ने कहा कि नई सरकार का गठन मार्च के महीने में ही हो गया था जो लगभग 5 महीना पूर्व का समय है।
- यदि सरकार चाहती तो बाढ से निपटने की पूरी तैयारी कर सकती थी।
- यह भी संयोग की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी कर्मक्षेत्र गोरखपुर ही है।
- जोकि भीषण बाढ़ की चपेट में केवल इस वर्ष ही नहीं अनेको वर्षों से चला आ रहा है।
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- जिसकी अच्छी तरह से उनको जानकारी थी परन्तु फिर भी उन्होंने संज्ञान नहीं लिया।
- पूर्वांचल की जनता को एक बार पुनः जन धन की हानि का सामना करना पड़ा।
- रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुये कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी से लोगों को समस्याओं से निजात दिलाने के लिए राहत एवं बचाव कार्य युद्व स्तर पर करें।
- उन्होंने पूर्वाचंल के (rescue submerged villages) पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करके अधिक से अधिक बाढ़ राहत के कार्य में अपना योगदान सुनिश्चित करें।
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