एक तरफ जहां देश कैशलेस होने की कशमकश के बीच झूल रहा है, वहीं दूसरी ओर वाराणसी की बुज़ुर्ग महिला की एक ऐसी प्रेरणादायी कहानी सामने आ रही हैं जो आपको एक बार दोबारा सोचने पर मजबूर कर दे.
स्वाइप मशीन लगाकर लेती हैं पैसे :
- हाल ही में पीएम मोदी द्वारा देश को कैशलेस बनाने की मुहिम ने जोर पकड़ा है
- जिसके तहत अब देश के ऐसे राज्य व पंचायतें इस मुहिम में हिस्सा ले रही हैं,
- जिसकी कभी कल्पना भी नही की गयी थी.
- जहाँ एक ओर विपक्ष लगातार इस मुहिम को असंभव मान रहा है
- वहीं वाराणसी की एक बुज़ुर्ग महिला ने इस असंभव को संभव बना दिया है
- प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की यह महिला गरीब भी है, बुजुर्ग भी और अनपढ़ भी है.
- परंतु यह महिला अपनी चाय की दुकान पर स्वाइप मशीन लगाकर चाय के पैसे लेती है.
- यह खबर वाराणसी के काशी विद्यापीठ ब्लाक के मिसिरपुर गाँव की है
- जहाँ लगभग 70 वर्षीया आशा देवी कैशलेस इंडिया की बेमिसाल उदहारण हैं.
- बताया जाता है कि यह महिला सुबह चार बजे अपनी चाय की दूकान खोल देती हैं.
- उसी समय से लोगों का उनकी दुकान पर तांता लग जाता है.
- बीते दिनों नोटबंदी के चलते लोगों के पास कैश की कमी हुई,
- तो लोगों ने उनके यहां उधार चाय पीनी शुरू कर दी.
आशा देवी रहती थी चिंतित :
- इस उधारी से आशा देवी काफी चिंतित रहती थीं.
- परंतु उन्होंने जहां चाहा राह वहां राह वाली कहावत चरितार्थ कर दी.
- लगभग 10 दिन पहले इलाके के बैंक ऑफ़ बड़ोदा के डिप्टी जीएम ने इस गाँव का दौरा किया
- जिसके तहत नोटबंदी की परेशानियों को देखते हुए, गाँव को कैशलेस बनाने की ठानी.
- उन्होंने बैंक की तरफ से गाँव में मुफ्त में पीओएस मशीनें बंटवानी शुरू कर दी.
- एक हफ्ते के अन्दर ही इस गाँव के 55 फीसदी दुकानदारों ने अपने यहां पीओएस मशीन लगा ली.
- इनमे आशा देवी भी शामिल हैं, हालांकि उन्होंने यह पीओएस मशीन अपने बेटे पन्ना मोदनवाल के अकाउंट पर ली है.
- आशा देवी पीओएस मशीन लग जाने के बाद से खुश हैं.
- उनकी दूकान पर अगर कोई चाय पीने आता है तो खुले पैसे न होने का बहाना नहीं चलने देतीं.
- उससे मुस्कुराते हुए सीधा डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की डिमांड कर देती हैं.
- पूछने पर वे कहती हैं, “अब उधारी ना होला भईया.”
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