उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में आज दर्जनों पुरुष-महिला किसानों (farmers protest) ने अपनी मांगों को लेकर एचपीडीए कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया है। बता दें कि ये धरना प्रदर्शन प्रीत विहार योजना हेतु सन 2008 में अधिग्रहण की गयी भूमि से प्रभावित किसानों ने 6 प्रतिशत विकसित भूमि के आवंटन में लापरवाही के विरोध में था।
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- धारा 144 लागू होने के बाद भी एचपीडीए में धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
- सदर सडीएम, सीओ भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और मामले को शांत कराने में लग गए।
- वहीं किसानों ने धरना प्रदर्शन के दौरान जेल जाने और मरने तक की बात कही है।
- वहीं जब इस बारे में एचपीडीए के अधिकारियों से बात की गयी तो वह कैमरे के सामने से एक-दूसरे अधिकारी पर बात को टालकर भागते नजर आये।
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वार्ता करने का दिया आश्वासन
- हापुड़ में किसानों ने एचपीडीए ऑफिस में जाकर धरना प्रर्दशन किया और जामकर नारेबाजी की।
- किसान राजवीर सिंह ने बताया कि किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन प्रीत विहार विस्तार योजना के लिए अधिग्रण की थी।
- लेकिन भूमि का 10 प्रतिशत भूमि मुआवजा नहीं दिया गया था।
- बिना मुआवजा दिए ही भूमि को प्राधिकरण में दाखिल कर लिया था।
- किसानों ने अधिकारियों से कई बार बात भी की लेकिन किसी ने किसानों की एक ना सुनी।
- आज गरीब किसान एचपीडीए ऑफिस में पहुंच धरने पर बैठ गए।
- यहां धारा 144 लगी होने के बाद भी जमकर नारेबाजी की सूचना मिलते ही डीएसपी, एसडीएम, पुलिस फाॅर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और किसानों से बात की और किसानों को सिर्फ वार्ता करने का आस्वाशन दिया।
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मजबूर होकर धरने पर बैठे किसान
- आपको बता दें कि ये किसान आज मजबूर होकर धरने पर बैठने को मजबूर हुए है।
- इन किसानों का आरोप है कि इनकी जमीन एचपीडीए ने साल 2007-2008 मे गांव शामपुर, चमरी, अछेजा, सब्ली के किसानों की भूमि प्रीत विहार विस्तार योजना के लिए अधिग्रण की गई थी।
- अधिग्रण की गई भूमि का दस प्रतिशत भूमि का मुआवजा नहीं दिया गया था।
- इनका आरोप है कि बिना मुआवजा दिए ही किसानों की भूमि दाखिल प्राधिकरण के नाम करके किसानो को बेदखल कर कब्ज़ा करके भूमि को बेच दिया था।
- आज किसानों ने नाराज़ होकर एचपीडीए ऑफिस में इकठ्ठा होकर धरना प्रर्दशन किया, और नारेबाजी की।
- किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
- सूचना मिलते ही पुलिस विभाग (farmers protest) में हड़कंप मच गया।
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