प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जिन गावों को सांसदों ने गोद लिया है उन गावों की हकीकत जानने के लिए uttarpradesh.org की टीम निकली हुई है। इन गावों में क्या-क्या मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और गांव को गोद लेने के बाद कितना विकास हुआ है। इसकी रियलिटी हम आप को गांव के रहने वाले लोगों से ही सुनवायेंगे। ताकि आप भी जान सकें कि गांव को गोद लेने की इन सांसदों ने घोषणा तो कर दी लेकिन गांव में रहने वाले लोग समस्याओं को लेकर कराह रहे हैं परंतु इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
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सांसद कौशल किशोर के गांव का क्या है हाल?
- भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर ने काकोरी थाना क्षेत्र स्थित बहरू गांव को गोद लिया है।
- यह गांव राजधानी से करीब 33 किलोमीटर दूर काकोरी रोड पर स्थित है।
- इस गांव के अलावा इसके 4 मजरे चौखड़ी खेड़ा, नई बस्ती, बंडा खेड़ा और मेंहदी नगर हैं।
- बहरू ग्राम पंचायत में करीब 1000 की आबादी है और कुल 3991 वोटर हैं।
- इस गांव के ग्राम प्रधान वीरेंद्र कुमार रावत हैं जो इसी गांव में रहते हैं।
- वीरेंद्र को गांव वालों ने पहली बार चुना है जो आने वाले सालों में गांव के विकास पर फोकस किये हैं।
- इस ग्राम सभा के पूर्व प्रधान गुरु दयाल गौतम रहे हैं जिनके कार्यकाल में इस गांव का खास कोई विकास नहीं हो पाया।
- वैसे तो वीरेंद्र का दवा है आने वाले सालों में काफी विकास करेंगे और एक साल में काफी विकास भी किया है।
- लेकिन गांव का कितना विकास हुआ है यह हकीकत हम आप को दिखाते और सुनाते हैं।
साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं
- इस गांव में भले ही घुसने के दो रास्ते हैं एक कच्चा और एक पक्का।
- लेकिन जब खड़ंजे वाले रास्ते से आप गांव के अंदर प्रवेश करेंगे तो घुसते ही समस्याएं शुरू हो जाएंगी।
- हमारी टीम जब गांव में दाखिल हुई तो लोगों ने समस्याओं का अम्बार लगा दिया।
- इस ग्राम पंचायत में करीब 17 तालाब हैं जबकि गांव में 5 तालाब हैं पर एक में पानी बाकी के सभी सूखे पड़े हुए हैं।
- गांव की गलियों में खड़ंजा तो पड़ा है लेकिन गंदगी से बजबजाती नालियों में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।
- गरीब परिवारों को अपने घर के बाहर खुद ही नालियां साफ करनी पड़ती हैं और उनके मोहल्ले में सुविधाओं का टोटा है।
सरकारी नलों की स्थिति सही, पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं
- बहरू ग्राम सभा में करीब 115 इंडिया मार्का सरकारी हैंडपंप लगे हैं।
- इनमें सिर्फ बहरू गांव में 45 नल लगे हैं जबकि चौखड़ी खेड़ा में 13, नई बस्ती में 14, बंडा खेड़ा में 11 और मेंहदीनगर में लगे 20 नलों में विधिवत पानी आ रहा है।
- ग्राम सभा के मोहल्लों में जल निकासी की कोई व्यवस्था ना होने से लोग परेशान हैं।
- बच्चों को नहलाने, पीने और कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले पानी के बारे में काफी सोचकर बहाना पड़ता है।
- भले प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों को वेतन में मोटी रकम दे रही हो लेकिन यह सफाईकर्मी गावों में जाते तो हैं लेकिन सफाई नहीं बल्कि अपना चेहरा दिखाने जाते हैं।
- ग्रामीणों में शिव प्रकाश सिंह चौहान, सरीफ, कल्लू और जाकिर अली ने आरोप लगाया है कि गांव में सफाईकर्मी की नियुक्ति हुई है लेकिन वह कभी सफाई करने नहीं आता।
- गांव में यह सफाई कर्मी केवल अपना चेहरा दिखाकर प्रधान की मदद से फर्जी उपस्तिथि दिखाकर सरकार से वेतन ले रहा है।
- गांव वालों का कहना है कि भाजपा सांसद ने इस गांव को गोद तो ले लिया है लेकिन समस्याएं दूर होना दूर की कौड़ी नजर आ रही है।
- ग्रामीण जल निकासी ना होने से अपने घरों में गड्ढ़े खोदकर उनमें पानी भरके फिर बाहर फेंकना पड़ता है।
- घर के अंदर पानी भरने से कीड़े पड़ जाते हैं और बीमारियां पनपती हैं।
बिजली के खम्भों पर झूल रही मौत
- गांव में बिजली तो आ रही है लेकिन खम्भों पर झूल रहे जर्जर तार मौत को दावत दे रहे हैं।
- वहीं कुछ घरों में रहने वाले परिवारों को अंधेरे में ही रातें गुजारनी पड़ती हैं।
- रातें तो अंधेरे में गुजर ही रही हैं इन लोगों को दिन में भी लाईट नसीब नहीं होती।
- मज़बूरी से घिरे करीब कई परिवार भीषण गर्मी में बिलबिला रहे हैं परंतु सुनने वाला कोई नहीं।
- ग्राम प्रधान ने बताया कि जर्जर तारों की चपेट में आकर एक व्यक्ति की पिछले दिनों मौत हो गई थी।
- उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत कई बार बिजली विभाग से की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही नतीजन किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
कॉलोनी तो मिली पर शौचालय नहीं बने
- गांव में कुछ गरीब ऐसे हैं जिनका राशन कार्ड भी नहीं बना है।
- यहां रहने वालों ने बताया उनके परिवार में कॉलोनी नहीं दी गई है।
- इस गांव में कुछ लोगों को तो कॉलोनी और शौचालय मिले लेकिन कुछ को तो यह भी नसीब नहीं हुआ।
- लोगों ने बताया कि गांव में शौचालयों का अभाव है।
- वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि शौचालय अभी तक आये ही नहीं।
- उनका कहना है कि शौचालयों के लिए प्रस्ताव भेजा गया है आते ही पात्र लोगों को बांट दिए जायेंगे।
- भले ही गावों को शौचमुक्त करने का दावा केंद्र सरकार कर रही हो लेकिन भाजपा सांसद के द्वारा गोद लिए गांव में ही महिलाएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
- महिलाएं अभी भी गांव के बाहर खुले में शौच करने जाती हैं, इसका कारण यह है प्रधान ने शौचालय बनवाये ही नहीं।
गांव में होना चाहिए स्कूल, बेटियां नहीं सुरक्षित
- गांव में रहने वाले शिव प्रकाश ने बताया कि गांव के बाहर प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय है।
- लेकिन उच्च शिक्षा के लिए बेटियों को लखनऊ जाना पड़ता है।
- हालांकि बेटियों को अकेले दूर भेजने में परेशानी होती है क्योकि जमाना ख़राब है बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
- ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी होना चाहिए।
- क्योंकि गांव के आसपास करीब 4 किलोमीटर तक कोई अस्पताल नहीं है।
- अगर किसी गर्भवती महिला का प्रसव कराना होता है तो काकोरी काफी दूर है।
- साधन भी नहीं हैं, ऐसे में महिलाओं को काफी समस्या होती है।
बाजार में जानवर, जुआरियों और नशेड़ियों का अड्डा
- गांव के बाहर ही एक नहर है उसी के पास एक पक्की बाजार बनी है।
- इस बाजार की हालत यह है कि यहां बाजार में जानवर बांधे जाते हैं और कंडे पाथे जाते हैं।
- बाजार के बगल में ही शराब का ठेका है जहां दिन भर नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है।
- शराब के ठेके के ठीक सामने सरकारी विद्यालय हैं यहां भी नशेड़ियों का डेरा रहता है।
- यह नशेड़ी बच्चों को पीने के लगाई गईं नल की टोंटी भी तोड़ ले गए हैं।
- प्राथमिक विद्यालय में एक सरकारी नल लगा है वह भी ख़राब पड़ा है।
- गांव के बच्चों ने बताया कि पढ़ने के समय नशेड़ी गलियां दिया करते हैं इससे उन्हें विद्यालय जाने में भी डर लगता है।
- गांव में रहने वाले रंजीत रावत, सतीश वर्मा, महदेई ने बताया कि गांव की स्थति बहुत ठीक नहीं है।
- उम्मीद है कि सांसद के गोद लेने के बाद गांव में विकास हो जायेगा।
- गांव में बना पंचायत भवन भी सरकारी काम में खाना बनाने और रहने के लिए उपयोग किया जाता पाया गया।
क्या है सांसद आदर्श गांव
- बता दें कि 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श गांव योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
- इसके बाद से सांसदों ने गांव गोद लेने शुरू किये।
- सांसद आदर्श ग्रामों के विकास कार्यों की जमीन हकीकत परखने के लिए हमारी टीम में संवाददाता के साथ सीनियर फोटो जनर्लिस्ट ‘सूरज कुमार’ ने भाजपा सांसद कौशल किशोर द्वारा गोद लिए गए गांव बहरू काकोरी का दौरा किया इसकी पूरी हकीकत हम आप के सामने लाये।
- इन गावों में पानी, बिजली से लेकर स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र, नलकूप सहित कई सुविधाओं से ग्रामीण कोसों दूर हैं।
- लेकिन ग्राम प्रधान विकास का दावा कर पांच सालों में गांव को चमकाने की बात कह रहे हैं।
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