प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जिन गावों को सांसदों ने गोद लिया है उन गावों की हकीकत जानने के लिए uttarpradesh.org की टीम निकली हुई है। इन गावों में क्या-क्या मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और गांव को गोद लेने के बाद कितना विकास हुआ है। इसकी रियलिटी हम आप को गांव के रहने वाले लोगों से ही सुनवायेंगे। ताकि आप भी जान सकें कि गांव को गोद लेने की इन सांसदों ने घोषणा तो कर दी लेकिन गांव में रहने वाले लोग समस्याओं को लेकर कराह रहे हैं परंतु इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
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क्या है गांव का हाल?
- हरौनी गांव राजधानी से करीब 44 किलोमीटर दूर बंथरा थाना क्षेत्र में मोहान रोड पर स्थित है।
- हरौनी ग्राम पंचायत में करीब 4000 की आबादी है और कुल 2200 वोटर हैं।
- गांव के पास में ही एक रेलवे स्टेशन भी है इससे लोगों काफी सुविधा है।
- गांव के बाहर एक माता जी का मंदिर है यहां साफ सफाई मिल जायेगी।
- लेकिन इस मंदिर के सामने ही पक्का तालाब है इसमें कभी पानी नहीं आया और गंदगी का अम्बार लगा है।
- इस गांव के ग्राम प्रधान ब्रजेश सिंह हैं जो इसी गांव में रहते हैं।
- ग्रामीणों के अनुसार ब्रजेश के परिवार में 15 साल से प्रधानी है।
- वैसे तो ब्रजेश की शासन में भी पकड़ बताई जा रही है, इसके चलते गांव में कोई उनके खिलाफ परेशानी के बाद भी आवाज नहीं उठा पता।
- हालांकि गांव में विकास का टोटा है लेकिन गांव का कितना विकास हुआ है यह हकीकत हम आप को दिखाते और सुनाते हैं।
जब से नल लगा पानी नहीं आया
- इस गांव में घुसने के लिए पक्की सड़क मिलेगी, गांव में दाखिल होते ही खस्ता हाल में पंचायत भवन मिल जायेगा।
- पंचायत भवन में काफी वक्त से झाड़ू नहीं लगी, ग्रामीणों ने बताया इसका ताला कभी नहीं खुलता ना ही कभी पंचायत होती है।
- जब आप गांव के अंदर प्रवेश करेंगे तो घुसते ही समस्याएं शुरू हो जाएंगी।
- हमारी टीम जब गांव में दाखिल हुई तो प्राथमिक विद्यालय के सामने रहने वाली फातिमा और रहियरी ने बताया कि उनके घर के सामने जब से सरकारी नलकूप लगा है तब से पानी नहीं आ रहा।
- इस नलकूप में हैंडल ही नहीं लगा है और टूटा पड़ा है।
- यहां पर रहने वाले करीब एक दर्जन परिवारों का आरोप है कि पानी काफी दूर से भर के लाते हैं।
- लेकिन कई बार प्रधान से नल सही कराने को कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
- इस गांव में करीब चार तालाब हैं लेकिन एक में पानी बाकी के सभी सूखे पड़े हुए हैं।
- गांव में खड़ंजा तो पड़ा है नालियां भी बनी हैं लेकिन सफाई ना होने से गंदगी बजबजा रही है।
सरकारी नल की हालत काफी खराब
- हरौनी ग्राम सभा में करीब 29 इंडिया मार्का सरकारी हैंडपंप लगे हैं।
- इनमें कई नल खराब पड़े हैं, ग्रामीणों ने बताया कि पानी की काफी समस्या है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं।
- इस मोहल्ले में जल निकासी की कोई व्यवस्था ना होने से लोग परेशान हैं।
- बच्चों को नहलाने, पीने और कपड़े धोने के लिए काफी दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है।
- काफी दूर से पानी भरकर लाने में काफी परेशानी होती है।
- सफाईकर्मी गांव में कभी सफाई करने के लिए नहीं जाता, आरोप है वह केवल अपना चेहरा दिखाने जाता है।
- आरोप है कि प्रधान की मदद से फर्जी उपस्तिथि दिखाकर सरकार से वेतन ले रहा है।
- गांव वालों का कहना है कि राजनाथ ने इस गांव को गोद तो ले लिया है लेकिन समस्याएं दूर होना दूर की कौड़ी नजर आ रही है।
प्रधान में अपने लोगों को बांटी कॉलोनी
- गांव में भले ही कुछ घरों को ग्राम प्रधान ने कॉलोनी दी हों लेकिन गरीब परिवारों को यह भी नसीब नहीं हुईं।
- ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने खास लोगों को कॉलोनी बांटी हैं लेकिन जिन गरीबों के घरों में छप्पर पड़े हैं उनको कॉलोनी नसीब नहीं हुई।
- गांव में कुछ मोहल्ले ऐसे हैं इनमें बिजली ना आने से अंधेरे में ही रातें गुजारनी पड़ती हैं।
- रातें तो अंधेरे में गुजर ही रही हैं इन लोगों को दिन में भी लाईट नसीब नहीं होती।
- मज़बूरी से घिरे करीब कई परिवार भीषण गर्मी में बिलबिला रहे हैं परंतु सुनने वाला कोई नहीं।
- बिन बिजली के रहने वाले लोगों का आरोप है कि उनके मोहल्ले में बिजली तो दूर खम्भे तक नहीं हैं।
- इन लोगों का कहना है कि इसकी कई बार शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन सब बजट का अभाव बताकर टाल देते हैं।
- हालांकि इस गांव में जब हमारी टीम ने लोगों से समस्याएं पूछीं तो लोगों ने समस्याएं तो दबी जुबान से बता दीं लेकिन कैमरे के सामने कोई बोलने को तैयार नहीं हुआ।
- गांव में कुछ गरीब ऐसे हैं जिनका राशन कार्ड भी नहीं बना है।
खुले में शौच करने को मजबूर लोग
- भले ही गावों को शौचमुक्त करने का भले ही सरकार दावा कर रही हो लेकिन इस आदर्श गांव में शौचालय नहीं हैं।
- गृहमंत्री राजनाथ के द्वारा गोद लिए गांव में ही महिलाएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
- महिलाएं पुरुष अभी भी गांव के बाहर खुले में शौच करने जाती हैं, इसका कारण यह है प्रधान ने शौचालय बनवाये ही नहीं।
- शिक्षा के लिए बेटियों को दूर भेजना पड़ता है, क्षेत्र में एक बेहतर स्कूल होना चाहिए।
- गांव में गन्दगी होने से मच्छरों और संक्रमण का भी खतरा रहता है।
खिलाड़ियों ने सुनाया अपना दुखड़ा
- गांव में रहने वाले राम शंकर सिंह ने बताया कि गांव के लड़कों में प्रतिभा है लेकिन इसे प्रदर्शित करने के लिए जगह नहीं है।
- वह खिलाड़ियों को अपना नेट लगाकर बॉलीवाल खिलवाते हैं।
- उन्होंने कहा कि प्रधान से खिलाड़ियों के लिए जगह देने के लिए कहा तो उन्होंने टाल दिया।
खिलाड़ियों में विनय कुमार, रवी यादव, प्रद्युम्न यादव, आयुष वर्मा, विनय मौर्या, विनय कुमार वर्मा, अभय पटेल, संदीप कुमार वर्मा, अमन यादव, अमित कुमारकी मांग है कि एक आदर्श गांव होने के चलते गांव में एक खेलने के लिए स्टेडियम बन जाये तो बेहतर होगा।
गांव में नशेड़ियों और जुआरियों का अड्डा
- इस आदर्श गांव में मूलभूत सुविधाओं के भले ही टोटा हो या गरीबों को कोई सुविधा ना मिल रही हो लेकिन गांव में नशेड़ियों का अड्डा है।
- गांव के अंदर लोग ताड़ी पीकर नशे में टल्ली मिल जायेंगे और जुआ खेलते भी मिल जायेंगे।
- कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यह नशेड़ी घर से बाहर निकल रही बेटियों पर आपत्तिजनक टिप्पड़ी और छेड़छाड़ करते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं।
- हालांकि बेटियों को पढ़ने के लिए अकेले घर से बाहर भेजने में भी डर लगता है।
क्या है सांसद आदर्श गांव
- बता दें कि 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श गांव योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
- इसके बाद से सांसदों ने गांव गोद लेने शुरू किये।
- सांसद आदर्श ग्रामों के विकास कार्यों की जमीन हकीकत परखने के लिए हमारी टीम में संवाददाता के साथ सीनियर फोटो जनर्लिस्ट ‘सूरज कुमार’ ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा गोद लिए गए गांव
- हरौनी सरोजनीनगर का दौरा किया इसकी पूरी हकीकत हम आप के सामने लाये।
इन गावों में पानी, बिजली से लेकर स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र, नलकूप सहित कई सुविधाओं से ग्रामीण कोसों दूर हैं। - लेकिन ग्राम प्रधान विकास का दावा कर पांच सालों में गांव को चमकाने की बात कह रहे हैं।
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