राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र से ग्रामीण इलाकों तक में कुकुरमुत्ते की तरह फैले अस्पतालों के मकड़जाल पर किसी भी जिम्मेदार की मोटे कमीशन के चक्कर में नजर नहीं पड़ती दिखाई दे रही है। इन अस्पतालों का एम्बुलेंस चालकों की मिलीभगत से धंधा तेजी के साथ फलफूल रहा है। ये अस्पताल गरीबों (patient died) का खेत जमीन तक रकम वसूलने के लिए बेचवा दे रहे हैं, फिर भी इनके पेट की भूख नहीं मिट रही है।
पैसों के लालच में दूसरी जगह रेफर नहीं किया मरीज
- ताजा मामला मड़ियांव थाना क्षेत्र का है।
- यहां न्यू यूनाइटेड हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने एक मरीज की जान ले ली।
- पीड़ित परिवार का आरोप है कि उसने अपने पिता का इलाज कराने के लिए इस अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन 10 दिन तक कोई फायदा नहीं हुआ।
- आरोप है कि उसने दो बीघा जमीन बेचकर पिता के इलाज में लगा दी।
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- फायदा ना होता देख वह डॉक्टरों से दूसरी जगह रेफर करने की विनती करता रहा लेकिन डॉक्टरों ने पैसों के लालच में उन्हें दूसरी जगह रेफर नहीं किया।
- परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज की किडनी निकाल ली इससे उनकी मौत हो गई।
- नतीजन उनके पिता की मौत (patient died) हो गई।
- मौत के बाद परिवार वाले चीखने-चिल्लाने लगे।
- परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
- हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घंटों की मशक्कत के बाद कार्रवाई का आश्वाशन देकर बवाल समाप्त करवाया।
- पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर आगे की कार्रवाई की है।
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पेट दर्द की बीमारी में वसूल लिए एक लाख रुपये
- जानकारी के मुताबिक, थाना क्षेत्र के 1/24-B, प्रियदर्शनी कॉलोनी केशव नगर फैजुल्लागंज में न्यू यूनाइटेड हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर बना हुआ है।
- स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अस्पताल में मरीजों से कई मदों में जमकर धन उगाही की जाती है।
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- आरोप है कि इस अस्प्ताल में जो मरीज भर्ती होता है उसे डॉक्टर इस तरह से चूसते हैं कि वह खेत जमीन तक बेचकर लगा देता है और आखिरी में मरीज को मौत ही नसीब होती है।
- इलाकाई लोगों का आरोप है कि पिछले कई महीनों में दर्जनों लोगों की मौत होने के बाद अस्पताल में हंगामा हो चुका है।
- लेकिन स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के चलते अस्पताल का धंधा फलफूल रहा है।
- रविवार सुबह फिर अस्पताल में मरीज की मौत पर जमकर बवाल हुआ।
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- बताया जा रहा है कि सीतापुर जिले के रामकोट थाना क्षेत्र के चिनहार गांव के रहने वाले रामचंद्र (55) को पिछले दिनों पेट में दर्द हो रहा था।
- घरवालों ने उन्हें सीतापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन उन्हें फायदा नहीं हुआ।
- इस पर घरवालों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
- आरोप है एम्बुलेंस ड्राइवर उन्हें बढ़िया अस्पताल कहते हुए इस अस्पताल में 10 दिन पहले भर्ती कराया। आज सुबह मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ।
- घरवालों का आरोप है कि उन्होंने दो बीघा जमीन बेचकर पैसा लगा दिया।
- 10 दिन में डॉक्टरों ने एक लाख रुपये अतिरिक्त वसूला फिर भी डॉक्टरों ने उनकी जान ले ली।
- परिवार में बुजुर्ग की मौत के बाद से कोहराम मचा हुआ है।
- घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है।
- फ़िलहाल पुलिस ने (patient died) शव पीएम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
किडनी निकालने के आरोप से सनसनी
- शहर भर में इन दिनों अस्पतालों में किडनी निकालने का प्रकरण थमने का नाम नहीं ले रहा।
- सीतापुर के रामचंद्र की किडनी निकालने के आरोप लगने के बाद हड़कंप मच गया है।
- यह पहला मामला सामने नहीं आया है इससे पहले ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों पर भी ऐसा आरोप लग चुका है।
- परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मरीज की मौत हो जाने के बाद भी अस्पताल उसका इलाज करता रहा और पैसे वसूलता रहा।
- परिवारजनों ने युवक की मौत का कारण गलत इलाज बताया है और पुलिस को किडनी निकालने की तहरीर दी है।
- आरोप है कि यहां सीने में दर्द का इलाज करने के बजाय अस्पताल के डॉक्टरों ने किडनी के पास ही सर्जरी कर डाली।
- जिससे उसकी हालत बिगड़ गयी और मौत हो गयी।
- बता दें कि हाल ही में लखनऊ सीएमओ जी.एस. बाजपेई ने कार्रवाई करके कुछ अस्पताल बंद करवाए थे जिनका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था।
- केशवनगर दर्जनों अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं।
- लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुंडली मारकर बैठे हैं।
- इन फर्जी अस्पतालों की जानकारी सीएमओ को नहीं है ये खुद एक बड़ा सवाल है।
https://youtu.be/xsHkGfqNQVI
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