गरीब बच्चों की बदनसीबी कहें या फिर अधिकारियों की लापरवाही। कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए तौलने का कार्य ही हवा में किया जा रहा है। पिछली सरकार में ‘हवा’ में नौनिहालों का वजन किया गया था। अब एक बार फिर बच्चों को बिना मशीनों के तौलने की तैयारी चल रही है। (Weighing machines)
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- कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए उनका वजन किया जाता है।
- राजधानी समेत प्रदेश के सभी आंगबाड़ी केंद्रों में एक बार फिर उनकी पहचान के लिए मंगलवार को अभियान चलाया जाएगा, लेकिन उनकी तौल एक बार फिर हवा में होगी।
- अकेले राजधानी के 80 फीसद आंगनबाड़ी केंद्रों में मशीनें खराब हैं।
- तेलीबाग के कुम्हार मंडी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में नौनिहालों का वजन करने वाली मशीन खराब पड़ी है।
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नई सरकार आने के साथ ही फाइलों में बंद हो गई योजना
- पिछली सरकार ने हौसला पोषण फीडिंग कार्यक्रम योजना के तहत राजधानी के 1828 आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 4076 कुपोषित बच्चों को पराग देशी घी देने की शुरुआत की थी।
- बच्चों के साथ ही 2342 गर्भवती को भी दूध पाउडर दिया गया था।
- योजना के तहत गर्भवती को 21 ग्राम प्रतिदिन पराग होल मिल्क पाउडर एक महीने में 12 दिन निःशुल्क दिया गया तो 20 ग्राम प्रतिदिन प्रति बच्चे के हिसाब से महीने में 25 दिन देशी घी निःशुल्क वितरित किया गया।
- पिछले वर्ष 10 अगस्त को शुरू की गई योजना नई सरकार के आने के साथ ही फाइलों में बंद होने के साथ सवाल खड़ा कर गई कि उनकी बिना मशीन के उनकी तौल कैसे कर दी गई?
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मांग पर नहीं हुई कोई सुनवाई
- राजधानी बख्शी का तालाब समेत सभी ब्लॉकों की ओर से केंद्रों में तौल मशीने न होने और आपूर्ति करने की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
- सुपरवाइजर का कहना है कि फाइलों में ही बच्चों की तौल करके रिकॉर्ड बनाया जा रहा है।
- सरकार कुपोषित बच्चों की पहचान में ही बरत रही है तो आहर कैसे देगी? (Weighing machines)
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कोढ़ में खाज बनी हड़ताल
- एक ओर जहां तौल मशीन नहीं है तो दूसरी ओर प्रदेशभर की आंगबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल कोढ़ में खाज बन गई है।
- राजधानी सहित प्रदेश भर के जिलों से आई हजारों कार्यकर्ता राजधानी में डेरा डाले हुए हैं।
- ऐसे में कुपोषित बच्चों की पहचान कैसे होगी?
- इसे लेकर अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं।
- वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के दौरे की वजह से पहले की अभियान को निरस्त किया कर दिया गया है।
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दी गईं दो साल पुरानी मशीनें
- महिला आंगनबाड़ी संघ की जिला अध्यक्ष राम देवी वर्मा का आरोप है कि राजधानी के सभी ब्लॉकों की मशीनें खराब हैं।
- दो साल पहले पुरानी मशीने जमा की गईं और फिर उन्ही को दोबारा दे दिया गया।
- सभी मशीने पुरानी हैं। महामंत्री नीलम पांडेय का आरोप है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं राजधानी में किसी केंद्र पर तौल नहीं होगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- इस संबंध में बाल विकास एवं पुष्टाहार निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 2008 में तौलने के लिए इलेक्टिकल तौल मशीने दी गईं थीं।
- पोषण योजना का लाभ देने के लिए मंगलवार से तौलने का अभियान चलेगा।
- एक दो केंद्रों में मशीने खराब हैं।
- उन्हें बदलने की कार्रवाई की जा रही है।
- 24 और 27 अक्टूबर को राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों में 0 से पांच वर्ष तक के बच्चों को तौला जाएगा।
- पोषण योजना एक बार फिर शुरू होगी। (Weighing machines)
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