पिछले दिनों क्राइमब्रांच ने चार बेगुनाहों को एक अपराधी की सह पर जेल भेज दिया था। मीडिया के माध्यम से मामला एसएसपी मंजिल सैनी के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने इस मामले में क्राइम ब्रांच के सिपाहियों को बर्खास्त तक कर दिया था।
- लेकिन इसके बाद अब मलिहाबाद पुलिस पर दस हजार रूपये के लिए एक गरीब निर्दोष ट्रैक्टर चालक को चोरी के आरोप में जेल भेजने का आरोप लगा है।
- सूत्रों के मुताबिक इस मामले में थाने का अधिकांश स्टाफ भी दबी जुबान से एक सिपाही के इशारे पर मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजने के मामले को फर्जी फंसाने की बात कर रहा है।
- सूत्रों का कहना है कि प्रभारी निरीक्षक ने अपने विश्वासपात्र सिपाही के कहने पर ट्रैक्टर चालक को जेल भेज दिया।
- इस मामले में पीड़ित की पत्नी ने सीओ और एसएसपी से लिखित शिकायत की है।
- वहीं इस संबंध में थाना प्रभारी मलिहाबाद धर्मराज उपाध्याय ने बताया कि यह आरोप निराधार हैं।
- उनका कहना है कि चोरी के आरोप में जेल भेजे गए ट्रैक्टर चालक को पीड़ितों ने रंगे हाथ पकड़ा है।
- सीसीटीवी फुटेज में भी चोरी की वारदात कैद हो गई है।
- हालाकि थाना प्रभारी कितना सही बोल रहे हैं यह जांच का विषय है।
यह है पूरा मामला
- जानकारी के मुताबिक, थाना क्षेत्र के महमूदनगर निवासी डिगुरी पासी जो अल्लूपुर गांव के आवाद के ट्रैक्टर का चालक है।
- बुधवार को सुबह लगभग 11 अपने को भतोइया गांव निवासी बताकर एक युवक डिगुरी के पास आया और कहा कि एक ट्राली ईंट भतोइया गांव से लादकर लाना है।
- जिसके लिए उसने ट्रैक्टर सहित तीन लेबरों रामचरन, मनोज और रामखेलावन को भी भतोइया बुलाया और वहां पहुंचने पर रोड किनारे लगे ईंटों के ढ़ेर को अपना बताकर लादने के लिए लेबरों को लगा दिया।
- फिर एटीएम से पैसे निकालने की बात कहकर वहां से चला गया और फिर काफी देर तक नहीं आया।
- इतने में ही गांव का ही एक युवक आया और उसने अपनी ईंटें बताकर लादने से मना किया और अपने कई साथियों को बुलाकर ट्रैक्टर चालक तथा लेबरों को मारना शुरू कर दिया।
- सोची समझी साजिश के तहत उसने घटना की सूचना पुलिस को दे दी।
- सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सिपाही अनूप सिंह ने भी जमकर पीट दिया और ट्रैक्टर सहित उसे थाने ले आये।
पहले मामले को पैसे लेकर रफादफा करने की कोशिश
- पुलिस को जब ट्रैक्टर मालिक का नाम पता चला तो सिपाही ने मोटी रकम ऐठनें के चक्कर में मामले को वहीं रफादफा करने से मना कर दिया।
- जबकि वास्तविक ईंटों के मालिक ने किसी प्रकार की कार्रवाई न चाहने की बात कही तो सिपाही ने मामला समाप्त करने के लिए दस हजार रूपये की मांग की।
- चालक द्वारा रूपये देने में असमर्थता जताने पर उसे फर्जी मुकदमें में जेल भेजने की धमकी दी।
- इस बात की जानकारी होने पर ट्रैक्टर मालिक ने ट्रैक्टर छोड़ने के लिए कई प्रभावशाली लोगों से पुलिस को फोन कराया।
- परन्तु पुलिस ने सुविधा शुल्क न मिलने की वजह से ईंट मालिक पर दबाव बनाकर चोरी की तहरीर लेकर ट्रैक्टर चालक के खिलाफ चोरी और चोरी का माल बरामद होने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गुरूवार को जेल भेज दिया।
कहासुनी में सिपाही कर सकता है साजिश
- सूत्रों के अनुसार काकोरी थाने में तैनाती के समय सिपाही अपूप सिंह की किसी बात को लेकर ट्रैक्टर मालिक आवाद से किसी विषय को लेकर कहासुनी हो गयी थी।
- बताया जाता है कि यह सिपाही उस समय तो उसका कुछ न बिगाड़ सका परन्तु उसी विवाद का बदला लेने के लिए उसके निर्दोष चालक को जेल भेज दिया।
- गौरतलब है कि जिस व्यक्ति ने ईंट उठाने के लिए किराये पर ट्रैक्टर लिया था उसका तो पुलिस पता नहीं लगा सकी और न ही पता लगाने की कोशिश की।
- सूत्रों का कहना है कि पुलिस कह रही है कि उसे तो हम बाद में देखेंगे पहले हमें ट्रैक्टर चालक के विरूद्व कार्रवाई करनी है क्योंकि यह उस व्यक्ति को ढूंढकर क्यों नहीं लाया।
सिपाही को पुलिस के उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त
- स्थानीय लोगों का कहना है कि दबंग सिपाही अनूप सिंह पुलिस विभाग के एक उच्चाधिकारी के सम्बन्धों का नाजायज फायदा उठाते हुए थाने से लेकर आम जनता में भी अपनी दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं।
- इससे पहले इसी सिपाही ने इसी थाने के एक विकलांग मुंशी से जीडी छीनकर मनमानी रपट लिखने पर मुंशी ने मना किया तो इसी सिपाही ने उस पर सरकारी पिस्टल तानते हुए जाति सूचक गाली भी दी थी।
- यह मामला एसएसपी के सामने जाने के बाद उन्होंने उसी अधिकारी के कहने पर आपस में सुलह कराकर दोनों को थाने वापस भेज दिया था।
सीओ कार्यालय से भी मिली पीड़िता को मायूसी
- अपने पति को फर्जी मुकदमें में जेल भेजने की जानकारी होने पर जब महमूदनगर निवासिनी सुषमा सिपाही द्वारा पैसे मांगने की शिकायत लेकर क्षेत्राधिकारी कार्यालय पहुंची तो वहां पर मौजूद पेशकार ने पहले तो पूरा प्रार्थनापत्र पढ़ा उसके बाद सीओ की अनुपस्थिति में प्रार्थनापत्र लेने से इंकार कर दिया।
- वह इंसाफ के लिए एसएसपी से मिलने गई लेकिन वह भी उसे नहीं मिलीं।
- बता दें कि राजधानी में इंसाफ मांगना भी काफी कठिन है।
- क्योंकि एक बाप जब बेटे के लिए लड़ा तो उसे सआदतगंज में शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियों से भून डाला था।
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