-
पानी का बढ़ते दोहन और घटते जलस्तर को देखते हुए विश्व बैंक की सहायता से उत्तर प्रदेश में 9000 जल प्रबंधन स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है।
-
स्कूलों की रूपरेखा पर लखनऊ मे एक वर्कशॉप आयोजित की गई। फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन(एफएओ) के सहयोग से आयोजित इस वर्कशॉप में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को स्कूल के करिकुलम की जानकारी दी गई।
-
वर्कशॉप का उद्घाटन कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार ने किया। मालूम हो कि प्रदेश में वॉटर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम वर्ष 2013 से चल रहा है।
-
इनमें किसानों के समूह बनाकर उन्हें बेहतर ढंग से सिंचाई और जल प्रबंधन करना सिखाया जाएगा।इसके जरिए करीब पौने तीन लाख किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
-
कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार ने बताया कि सबसे पहले एफएओ के एक्सपर्ट 60 मास्टर ट्रेनर तैयार कररेंगे। मास्टर ट्रेनर 231 स्कूल ट्रेनरों को तैयार करेंगे।
-
ये ट्रेनर 2200 किसान ट्रेनरों को तैयार करेंगे। उसके बाद 25-30 किसानों के ग्रुप बनाकर स्कूल चलाए जाएंगे। उन्हें ये किसान ट्रेनर प्रशिक्षण देंगे।
-
प्रवीर ने कहा कि प्रदेश में ही 111 ब्लॉक ऐसे हैं, जहां अतिदोहन के कारण पानी का संकट खड़ा हो गया है। वहीं 68 ब्लॉक में जल स्तर चिंताजनक स्तर पर आ गया है।
-
प्रदेश सरकार पहले बाराबंकी, सुलतानपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, अमेठी, जौनपुर, कन्नौज, ललितपुर, एटा, फिरोजाबाद, कासगंज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, इटावा, औरेया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर और कौशाम्बी में जल प्रबंधन स्कूल की शुरूआत करेगी।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें