खतौली रेलवे स्टेशन (Utkal express derailment) के पास उत्कल एक्सप्रेस अचानक डिरेल हो गई. घटना में अबतक 23 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है. घटना की जानकारी पाकर मौके पर रेलवे प्रशासन, स्थानीय पुलिस, एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया था. वहीँ हादसे में अबतक 156 लोगों के घायल होने की पुष्टि हो चुकी है.
मरम्मत कार्य ने छीन ली जिंदगियां:
- वहीँ इस हादसे के कारणों को लेकर जो बातें सामने आयी हैं, उसमें रेलवे की लापरवाही ही नजर आती है.
- डीआरएम आर एन सिंह ने स्वीकार किया कि उक्त ट्रैक पर मरम्मत कार्य चल रहा था.
- लेकिन उन्होंने इसे नियमित कार्य कार्य कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की.
- उन्होंने कहा कि हादसे की जाँच के आदेश रेल मंत्री ने दे दिए हैं.
- लिहाजा वो इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे.
- हालाँकि उन्होंने ये भी बताया था कि ट्रेन की रफ़्तार 100 किमी प्रति घंटे की रही होगी.
रेलवे को जर्जर ट्रैक की कई बार दी जा चुकी है जानकारी:
- दिल्ली-सहारनपुर के मेरठ लाइन के जर्जर स्थिति की खबर रेलवे को पहले से ही थी.
- कई बार रेलवे को ख़बरों के जरिये ये बताया जा चूका था कि उक्त ट्रैक की हालत गंभीर है.
- स्थानीय लोगों ने भी इसकी शिकायत की थी.
- लेकिन रेलवे के कान पर जू तब तक नहीं रेंगता जबतक कोई हादसा नहीं होता.
- इसी लापरवाही का नतीजा रहा कि 23 जानें एक झटके में ही चली गई.
- वहीँ कई अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
टूटे ट्रैक से गुजरी ट्रेन:
- स्टेशन अफसरों ने टूटी पटरी पर गुजार ट्रेन दी.
- हादसे के बाद घटनास्थल पर पटरी टूटी हुई मिली.
- जबकि हादसे की जगह ढेर सारे टूल्स, हथौड़े मिले हैं.
- मौके पर रखे मिले 2 गैस कटर, लोहे के गाटर भी मिले हैं.
- सलामत ट्रैक पर आधा कोच पटरी पर मिला है.
- जबकि ट्रैक को जोड़ने के लिए निशान लगाए गए थे
- इलाके के लोगो ने भी ट्रैक रिपेयरिंग की बात स्वीकारी है.
- लेकिन अब सरकार इसको लेकर जाँच की बात कहकर लापरवाही पर चादर डालने की कोशिश कर रही है.
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