उत्तर प्रदेश के मुजफरनगर के खतौली में शनिवार को उत्कल एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी. जिसके चलते 23 लोगों की जान चली गई थी वही 156 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. लेकिन इस भीषण रेल हादसे के बाद भी रेल प्रशासन यात्री की सुरक्षा के प्रति गंभीर नही नज़र आ रहा है. ताज़ा मामला यूपी के चित्रकूट का है जहाँ सोमवार से अमावस्या का मेला शुरू होगा. इस मेले में करीब 15 से 20 लाख से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. लेकिन इसके बावजूद भी रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए समुचित ट्रेनों की व्यवस्था नही की गई है.
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हज़ारों यात्रियों को छतों पर बैठकर करनी पड़ रही है यात्रा-
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- चित्रकूट का अमावस्या मेले का बहुत की खास महत्व है.
- यही कारण है कि लाखों श्रद्धालु यहाँ खींचे चले आते हैं.
- जिसके बाद मन्दाकिनी के तट पर स्नान और दीपदान किया हाता है.
- मान्यता है कि ऐसा करने से पुण्य के साथ साथ सर्वसुखों की भी प्राप्ति होती है.
- इस मेले में शामिल होने के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं.
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- ऐसे में यहाँ सुरक्षा और तटों की साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है.
- लेकिन मेले में भारी संख्या में आये श्रद्धालुओं को आने और जाने के लिए ज़्यादातर रेल यात्रा पर निर्भर रहना पड़ता है.
- लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा इसके लिए कोई खास प्रबंध नही किया जाता.
- जिसके बाद इन श्रद्धालुओं को मजबूरन ट्रेन की छतों पर यात्रा करनी पड़ती है.
- ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
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