तीन तलाक को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का जो फैसला आया है वह यकीनन ऐतिहासिक है. मगर इस जंग में मुस्लिम महिलाओं के हक की लड़ाई तभी खत्म होगी जब केंद्र सरकार इस मसले पर एक उचित कानून बनाए. हालांकि, इस ऐतिहासिक फैसले के आने के साथ ही देशभर में लोग अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इसी क्रम में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक पर दिए गए निर्णय का मुस्लिम महिला छात्रों ने स्वागत किया है.
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बिना वजह छोटी छोटी बातों पर तलाक देना गलत-
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- सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने आज तीन तलाक़ पर ऐतिहासिक फैसला दया है.
- जिसके तहत तीन तलाक़ को कोर्ट ने पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया है.
- इस फैसले पर आज अलीगढ़ स्थित अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी की महिला छात्राओं से बात की गई.
- सभी छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है.
- महिला छात्राओं का कहना है कि कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे पर जो केंद्र सरकार को कानून बनाने का निर्णय दिया है वह स्वागत योग्य है.
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- इस दौरान रिहाना शाहीन ने कहा कि कानून बनाते समय शरीयत ,मुश्लिम धर्म व मुस्लिम महिलाओं के हित को ध्यान में रखा जाये.
- उन्होंने कहा कि जैसे कि मर्द द्वारा शराब के नशे में तलाक दे देना यह बिना वजह छोटी छोटी बातों पर तलाक देना गलत है.
- तीन तलाक को बिना वजह मुद्दा न बना कर इस पर केंद्र सरकार एक मजबूत कानून बनाये.
- जिससे मुस्लिम महिलाओं का हित हो सके.
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