तीन तलाक को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का जो फैसला आया है वह यकीनन ऐतिहासिक है. मगर इस जंग में मुस्लिम महिलाओं के हक की लड़ाई तभी खत्म होगी जब केंद्र सरकार इस मसले पर एक उचित कानून बनाए. हालांकि, इस बीच हलाला को भी प्रतिबंध के दायरे में लाने के लिए मांग बढ़ती जा रही है.
मुस्लिम महिलाओं के लिए एक कुप्रथा के समान है हलाला-
- दरअसल, तीन तलाक की तरह ही हलाला भी मुस्लिम महिलाओं के लिए एक कुप्रथा के समान है.
- ऐसे में सोशल मीडिया पद तीन तलाक पर आए ऐतिहासिक फैसले के बाद हलाला पर भी चर्चा शुरू हो गई है.
- बता दें कि हलाला के तहत यदि एक पुरुष ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया है.
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- लेकिन उसके बाद वह उससे दोबारा निकाह करना चाहता है.
- ऐसी स्थिति में वह तब तक उस औरत से शादी नहीं कर सकता जब तक कि वह महिला किसी अन्य पुरुष से शादी करके तलाक न ले ले.
- ऐसे में मुस्लिम महिलाओं के हक की लड़ाई को लेकर आवाज बुलंद करने वाले संगठनों की हलाला जैसे कानून को खत्म करने की मांग बढ़ गई है.
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- दरअसल, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने 3:2 के मत से तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए अपना फैसला सुनाया है.
कुरान में ‘हलाला’ का कोई जिक्र नहीं:
- इस्लाम धर्म के अनुयायियों में ट्रिपल तलाक के बाद हलाला के मुद्दे को लेकर अलग-अलग राय पाई जाती है.
- कुछ लोगों का मानना है कि, हलाला गलत है.
- जबकि कई लोग मानते हैं कि, उनके धर्म में बताया गया है इसलिए गलत होने का सवाल ही नहीं है.
- हो सकता है कि, इस्लाम में हलाला का नियम सकारात्मकता लाने के लिए बनाया गया हो.
- साथ ही 1400 साल पहले यह नियम काम भी करता हो.
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- लेकिन मौजूदा समय में ट्रिपल तलाक और हलाला जैसी रीतियाँ/कुरीतियाँ मुस्लिम समाज की महिलाओं के लिए जीते जी नरक के द्वार खोल देती हैं.
- ट्रिपल तलाक के नाम पर पति अपनी पत्नियों को छोटी-छोटी बातों पर तलाक दे देते हैं.
- उसके बाद बेसहारा औरत समाज और कानून से न्याय मांगती है.
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- लेकिन कानून भी उसे अपने धर्म के हिसाब से मामला सुलझाने को कहता है.
- इधर धर्म के नाम पर मौलवी ‘हलाला’ की बात करते हैं.
इन मुस्लिम देशों में तीन तलाक है अमान्य-
- तीन तलाक को प्रतिबंधित करने वालों की सूची में पाकिस्तान, बांग्लादेश, टर्की, साइप्रस,
- ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, मलेशिया, इरान, श्रीलंका, जॉर्डन, इंडोनेशिया, यूएई,
- कतर, सुडान, मोरक्को, इजिप्ट, इराक, ब्रुनेई व मलेशिया आदि देश इस सूची में शामिल हैं.
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