प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के देश की कमान संभालने के बाद ऐसे कयास लगाये जा रहें थे कि वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी देश के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं, लेकिन कभी भाजपा के भीष्म पितामह माने जाने वाले आडवाणी की उम्मीदों को झटका लगा है, खबर है कि भाजपा नेतृत्व राष्ट्रपति पद के लिए किसी नए चेहरे पर विचार कर रहा है, मालूम हो कि अगले साल राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल पूरा हो रहा है और उसके बाद नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होने हैं।
- सूत्रों की मानें तो कानपुर सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के राजनीतिक जीवन का स्वर्ण काल आने वाला है।
- खबर है कि भाजपा की ओर से जोशी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है।
- हालांकि राष्ट्रपति पद के नाम पर अंतिम मुहर तो मोदी-शाह की जोड़ी को ही लगानी है, लेकिन जोशी की संघ से नजदीकियां और राजनीतिक परिपक्वता को देखते हुए उनका नाम सबसे ऊपर है।
- भाजपा की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन में संघ की अहम भूमिका मानी जा रही है, यही कारण है कि जोशी ने प्रयास शुरू कर दिये हैं।
- भाजपा के आंतरिक सूत्रों के अनुसार, जोशी बहुत ही मजबूती के साथ भाजपा और संघ के वरिष्ठ नेताओं के बीच अपनी उम्मीदवारी के लिए लाबिंग कर रहें हैं।
- बताया जा रहा है कि भाजपा सांसद ने 22 मई को पीएम मोदी से उनके 7 आरसीआर आवास पर मुलाकात करके तमाम अन्य मुद्दों के साथ ही राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर भी चर्चा की थी।
संघ को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटेः
- जोशी ने हाल ही में नापुर संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करके राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर लम्बी चर्चा की थी।
- इसी क्रम में उन्होंने 6 और 7 जून को मुम्बई में भी संघ के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी।
- 82 वर्षीय जोशी संघ की ही पृष्ठभूमि से ही आते हैं, और संघ विचारक देवेन्द्र स्वरूप राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए जोशी को अपना समर्थन भी दे चुके हैं।
- वहीं इलाहाबाद में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जोशी की पीएम मोदी के काफी निकटता देखने को मिली है। बैठक में जोशी और मोदी लम्बे समय तक एक साथ नजर आये थें।
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