तीन तलाक पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इसे मुस्लिम महिलाओं के हक़ की लड़ाई की जीत भी कहा जा रहा है. मगर क्या आप जानते हैं कि देश की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं की आवाज बनने वालीं वह पांच महिलाएं कौन हैं जो इस कुप्रथा के खिलाफ लड़ते हुए कोर्ट तक जा पहुंचे. जी हां, ‘uttarpradesh.org‘ आज आपको बताने जा रहा है उन पांच वीरांगनाओं की कहानी जिन्होंने तीन तलाक के दंश से जूझते हुए देश को राहत दिलाने का काम किया है.
गुलशन परवीन-
- यूपी के रामपुर की रहने वालीं 31 वर्षीय गुलशन परवीन की वर्ष 2013 में शादी हुई थी.
- मगर उनकी किस्मत में कष्ट लिखा था.
- वह दो साल तक दहेज को लेकर घरेलू हिंसा का शिकार होती रहीं.
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- इतना प्रताड़ित होने के बाद साल 2015 में उन्हें 10 रुपये के एक स्टाम्प पेपर पर पति की तरफ से तलाकनामा मिला.
- मगर उन्होंने इसे अपनइ किस्मत नहीं स्वीकारा और कोर्ट में जा पहुंची.
आफरीन रहमान-
- जयपुर की रहने वालीं आफरीन रहमान (26) ने एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए साल 2014 में शादी की थी.
- हालांकि, दो-तीन महीने बाद ही उनके ससुराल वालों ने दहेज को लेकर उनका शोषण करना शुरू कर दिया.
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- अंत में थक कर वह अपने माता-पिता के पास वापस लौट आईं.
- फिर उन्हें साल 2016 में स्पीड पोस्ट के जरिए एक खत मिला, जिसमें उन्हें तीन बार तलाक लिखा गया था.
- हालांकि, आफरीन ने भी इस मुद्दे पर लड़ने की ठानी और कोर्ट जा पहुंची.
शायरा बानो-
- मूलत: उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वालीं शायरा बानो (35) की शादी इलाहाबाद के रिजवान अहमद से हुई थी.
- शादी के बाद 15 साल बाद उनके पति ने वर्ष 2015 में तीन बार तलाक बोलकर अपना सम्बंध खत्म कर लिया.
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- इसके बाद शायरा ने साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी.
- अपनी याचिका में उन्होंने तलाक-ए-बिदत, बहुविवाह और निकाह हलाला को गैरकानूनी घोषित करने की मांग की.
- शायरा के दो बच्चे भी हैं. शायरा बानो की अर्जी देशभर की सुर्खियों में रही है.
इशरत जहां-
- इशरत जहां (30) पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली हैं.
- उनके पति ने दुबई से ही फोन पर तलाक देकर रिश्ता खत्म कर दिया.
- इसके बाद उन्होंने साल 2016 में SC जाने का फैसला किया.
- उनके चार बच्चे हैं.
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- उन्होंने अपने पति पर बच्चों को जबरन अपने पास रखने का आरोप लगाया है.
- इशरत के पति ने दूसरी शादी कर ली है.
- मगर इशरत की जिंदगी को अधर में छोड़ रखा है.
- उन्होंने कोर्ट से अपने बच्चे वापस दिलाने की मांग की है.
जाकिया सोमन-
- जाकिया सोमन भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की संस्थापक हैं.
- उनकी संस्था ने लगभग 50 हज़ार मुस्लिम महिलाओं के हस्ताक्षर वाला एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा था.
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- ज्ञापन में तीन तलाक को ग़ैरक़ानूनी बनाने की मांग की गई थी.
- इस पर मुस्लिम समाज के कई पुरुषों ने भी हस्ताक्षर किए थे.
- यह संस्था पिछले 11 बरसों से मुस्लिम महिलाओं के बीच काम कर रही है.
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